
manushi chillar
सनाया। 17 साल बाद भारत की मानुषी छिल्लर ने अपनी खूबसूरती का लोहा मनवाते हुए चीन के सनाया में हो रहे मिस वर्ल्ड 2017 का खिताब जीत लिया है। वह विश्व सुंदरी तो बनी हीं, मगर उन्होंने फाइनल राउंड में मन की भी खूबसूरती का परिचय दिया। दरअसल, मिस इंडिया मानुषी से फाइनल राउंड में ज्यूरी ने सवाल पूछा था कि किस प्रोफेशन में सबसे ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए और क्यों? तो हरियाणा के सोनीपत जिले की रहने वालीं मानुषी ने कहा कि मुझे लगता है कि एक मां को सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाना चाहिए। मैं पैसे के बारे में नहीं सोचती। ऐसा इसलिए होना चाहिए, क्योंकि मां किसी को प्यार और सम्मान देती है। मेरी मां मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। उन्हें सबसे ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए। प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर मिस मैक्सिको रहीं जबकि तीसरे नंबर पर मिस ब्रिटेन रहीं हैं। इससे पहले भारत की ओर से 1999 में 2000 में क्रमश: युक्ता मुखी और प्रियंका चोपड़ा ने यह खिताब जीता था। भारत की ओर अब तक छह सुंदरियों ने यह खिताब जीता है।
डॉक्टर बनना चाहती थीं मानुषी
मानुषी का लक्ष्य डॉक्टर बनना था। दरअसल, उनके पिता मित्रबसु छिल्लर एक डॉक्टर हैं। वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। वे अभी सेकंड ईयर की छात्रा हैं। वह रीता फारिया, युक्ता मुखी, प्रियंका चोपड़ा, ऐश्वर्या राय के अलावा अब वे पांचवी भारतीय हैं जिन्होंने ये खिताब हासिल किया।
बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ की ब्रांड एंबेसडर
सके बाद ही हरियाणा में बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान के लिए सरकार ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाने का विचार किया था।
आत्मविश्वास की धनी हैं
मानुषी की खासियत उनका सौंदर्य, बहुआयामी व्यक्तित्व और तेज बुद्धि के अलावा उनका प्रबल आत्मविश्वास भी है। खिताब जीतने के बाद उन्होंने आत्मविश्वास से कहा कि अब मुझे यह विश्वास हुआ है कि इस दुनिया को बदला जा सकता है।
Published on:
18 Nov 2017 11:03 pm
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