
धौलपुर में नवरात्रा के दुर्गाष्टमी व नवमी के लिए तैयार हो रही माता की प्रतिमा को अंतिम रूप देता कलाकार। फोटो: नरेश लवानिया,धौलपुर में नवरात्रा के दुर्गाष्टमी व नवमी के लिए तैयार हो रही माता की प्रतिमा को अंतिम रूप देता कलाकार। फोटो: नरेश लवानिया,
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ( Indian Navy ) के बेड़े में गुरुवार को स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती पनडुब्बी ( INS Kavaratti submarine ) शामिल कर ली गई। इंडियन आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवने ( Indian Army Chief General Manoj Mukund Naravane ) ने खुद आंध्र प्रदेश ( Andra Pradesh ) के विशाखापत्तनम में नौसेना कयार्ड में आईएनएस कवरत्ती ( INS Kavaratti ) को इंडियन नेवी में शामिल किया। आईएनएस कवरत्ती पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमता ( Anti-submarine warfare ) से लैस है। यह एक इंडियन प्रोजेक्ट के तहत चार स्वदेशी जहाजों में से आखिरी जहाज है। इस दौरान आर्मी चीफ नरवने ने कहा कि आईएनएस कवरत्ती का कमीशन भारत के समुद्री लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक और बड़ा कदम है। मैं टीम कवरत्ती को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।"
सबसे शक्तिशाली एएसडब्ल्यू जहाजों में से एक
आर्मी चीफ ने कहा कि कवरत्ती का डिजाइन इंडियन नेवी की ब्रांच नौसेना डिजाइन निदेशालय और गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने तैयार किया है। इसको आईएनएस कवरत्ती (पी-31) प्रोजेक्ट 28 (कमरोटा श्रेणी) के तहत विकसित किया गया है। एक अफसर ने जानकारी देते हुए बताया कि आईएनएस कवरत्ती का नाम द्वीपों के समूह लक्षद्वीप (केंद्र शासित प्रदेश) की राजधानी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि कवरत्ती के निर्माण निमार्ण हाई ग्रेड डीएमआर 249ए स्टील का इस्तेमाल किया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो यह भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली एएसडब्ल्यू जहाजों में से एक है। 3,300 टन वजन के साथ इसकी लंबाई 109 मीटर, जबकि चौड़ाई 14 मीटर है। इसके साथ ही जहाज में चार डीजल इंजन से कंट्रोल होता है।
पनडुब्बियों को खोजने और उनका पीछा करने में सक्षम
कवरत्ती की सबसे खास बात यह है कि इसको रडार से भी ट्रेस नहीं किया जा सकता है। यह एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली से लैस जहाज है। इसमें कुछ ऐसे सेंसर फिट किए गए हैं, जो पनडुब्बियों को खोजने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें रडार से बच निकलने के लिए ऐसे फीचर्स हैं जो कि दुश्मन की पहचान में आने के लिए जहाज को कम संवेदनशील बनाते हैं।
Updated on:
22 Oct 2020 08:02 pm
Published on:
22 Oct 2020 07:39 pm
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