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अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस 2021 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस, जानिए इसका महत्व

हर साल एक मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को श्रम दिवस, श्रमिक दिवस या मई दिवस भी कहा जाता है। एक मई का दिन दुनिया के मजदूरों और श्रमिक वर्ग को समर्पित होता है।

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International Labor Day 2021

International Labor Day 2021

नई दिल्ली। हर साल एक मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को श्रम दिवस, श्रमिक दिवस या मई दिवस भी कहा जाता है। एक मई का दिन दुनिया के मजदूरों और श्रमिक वर्ग को समर्पित होता है। भारत सहित दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। मजदूर दिवस पर सेमिनार और कई विशेष कार्यक्रमों का आयोजित किया जाता है। इस दिन दुनिया भर में मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाई जाती है। अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर समारोह का आयोजन किया जाता है। जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिकों सम्मानित किया गया।

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पहली बार यहां मनाया गया मजदूर दिवस
दुनिया में सबसे पहले 1 मई 1886 को अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत हुई थी। इस दिन अमेरिका की मजदूर यूनियनों ने काम के 8 घंटे से अधिक ना रखने को लेकर देशव्यापी हड़ताल की थी। इस दौरान बड़ी संख्या में मजदूर सड़कों पर उतर आए थे। सभी मजदूरों ने 10 से 15 घंटे काम कराए जाने को लेकर विरोध किया। इसके साथ ही मांग की काम के घंटे को 8 घंटे ही फिक्स कर देना चाहिए।

मजदूर दिवस का महत्व
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि किसी भी देश की तरक्की उस देश के मजदूरों और किसानों पर निर्भर करती है। मजदूर दिवस को मनान के लिए विशेष महत्व है। इस दिन फैक्ट्रियों में कामगारों को उपहार भी दिए जाते हैं। इस दिन कई मजदूर संगठन एकजुट होते हैं और कामगारों से उनके काम में आ रही परेशानियों के बारे में बातचीत करते हैं। मजदूर संगठनों को मजबूर करना, मजदूरों की परेशानियों को कम करना, उनकी उपलब्धियों का सम्मान करना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य होता है। कहा जाता है कि देश, समाज, संस्था और उद्योग में सबसे ज्यादा योगदान कामगारों, मजदूरों और मेहनतकशों का योगदान होता है।

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भारत में में ऐसे हुई शुरुआत
भारत में एक मई, 1923 को श्रमिकों द्वारा मनाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि किसान मजदूर पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने इसकी शुरूआत की थी। मद्रास हाईकोर्ट सामने इस दिन को पूरे भारत में मजदूर दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया। इस दिन सभी मजदूरों को छुट्टी का ऐलान किया था। आपको बता दें कि पहली बार इसी दौरान मजदूरों के लिए लाल रंग का झंडा वजूद में आया था। जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचार व शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का प्रतिक है।


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