
कश्मीर की पहली मुस्लिम महिला पायलट बनीं इरम हबीब
जम्मू। आतंकवाद से जूझ रहे कश्मीर में अभी भी ढेरों ऐसे युवा हैं जिन्होंने अपने भविष्य को लेकर बुने सुनहरे सपने पूरे करने की ठानी हुई है। इनमें से एक हैं इरम हबीब। जम्मू-कश्मीर निवासी इरम की झोली में अब घाटी की पहली मुस्लिम महिला पायलट बनने का तमगा आ गया है। इरम की उम्र 30 साल है और वो अगले महीने से गो एयर के विमान उड़ाएंगी।
वहीं, वर्ष 2016 में इससे पहले कश्मीरी पंडित समुदाय की तन्वी रैना घाटी की पहली महिला पायलट थीं। तन्वी ने एयर इंडिया में काम करना शुरू किया था। इसके बाद अप्रैल 2017 में 21 साल की उम्र में आएशा अजीज ने देश की सबसे युवा स्टूडेंट पायलट बनने का रिकॉर्ड बनाया था।
हालांकि इरम हबीब के बचपन के हवा में उड़ने का सपना पूरा होना आसान काम नहीं था। कट्टरपंथी कश्मीरी समुदाय के बीच से खुद को साबित करने का साहस रखने के साथ ही इरम को इसे साबित करने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। यहां तक की इरम ने अपने सपने को पूरा करने के लिए पीएचडी पूरी करने का ईरादा भी छोड़ दिया।
इरम ने देहरादून से वानिकी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन के बाद इरम ने शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 2016 में इरम अपने बचपन के पायलट बनने के सपने को पूरा करने के लिए अमरीका के एक फ्लाइट स्कूल में गईं और ट्रेनिंग पूरी की।
फिलहाल इरम दिल्ली में कमर्शियल पायलट बनने का प्रशिक्षण ले रही हैं। इरम के पास अमरीका में 260 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव है। इससे उन्हें अमरीका और कनाडा में कमर्शियल फ्लाइट उड़ाने का लाइसेंस भी मिल गया।
इरम के पिता सरकारी अस्पतालों में सर्जिकल उपकरणों की सप्लाई का काम करते हैं। लेकिन उन्होंने अपनी बिटिया के सपने को पूरा करने में उसकी मदद की। इरम कहती हैं कि जब भी किसी को पता चलता कि वह कश्मीरी मुस्लिम हैं और विमान उड़ाती हैं, तो वो हैरान हो जाता था। लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य को पाने के लिए कदम बढ़ाना जारी रखा।
Updated on:
31 Aug 2018 01:55 pm
Published on:
31 Aug 2018 01:50 pm
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