इसरो प्रमुख के सिवन ने दावा किया है कि ऑर्बिटर में 8 इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं और प्रत्येक इंस्ट्रूमेंट बिल्कुल सही काम कर रहा है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसरो लैंडर के साथ संचार स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं। हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है।
चंद्रयान—2: काली रात के आगोश में चंद्रमा, लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क की संभावना खत्म!
आपको बता दें कि इसरो अभी तक मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से कोई संपर्क नहीं कर पाया है। जिसके चलते इस मिशन से उम्मीद लगभग खत्म हो गई हैं।
इसरो अभी तक चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क नहीं साध पाया है। इसके साथ ही आज यानी शनिवार तड़के से चांद पर रात शुरू हो गई है।
जिससे चांद का यह हिस्सा धीरे-धीरे घोर अंधकार में डूबता जा रहा है। अब जबकि आज इस प्राकृतिक उपग्रह पर चंद्र रात शुरू हो गई है। ऐसे में ‘विक्रम’ की कार्य अवधि पूरी हो गई।
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मिशन चंद्रयान-2: ISRO के पास 36 घंटे से भी कम समय शेष, लैंडर विक्रम से नहीं जुड़ा कोई तार
गौरतलब है कि इसरो ने 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मिशन चंद्रयान-2 को लॉंच किया था।
7 सितंबर को चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा की सतह पर सॉफट लैंडिंग कराई जानी थी। लेकिन जब लैंडर चांद से केवल 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था तो इसरो का उससे संपर्क टूट गया।
जिसके बाद इसरो वैज्ञानिकों के साथ ही देशभर में निराशा छा गई। इसरो तभी से लैंडर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।