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नई दिल्ली। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन ( ISRO ) ने चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम' को खोज निकाला है। लैंडर विक्रम चांद की सतह पर दिखा है।
वहीं, मिशन चंद्रयान-2 के बाद इसरो ( ISRO ) और भारतीय वायुसेना ( Indian Airforce ) मिलकर मिशन गगनयान की तैयारी में जुट गए हैं।
चंद्रयान-2 के बाद गगनयान भारत का दूसरा महत्वकांक्षी मिशन है। इसमे तीन भारतीयों को 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाना है।
इस मिशन के लिए भारतीय वायुसेना की तैयारियों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके लिए 10 टेस्ट पायलटों का भी चयन कर लिया गया है।
इसके साथ ही वायुसेना ने अंतरिक्षयात्रियों के चयन का पहला पड़ाव भी पूरा कर लिया है। भारतीय वायुसेना की ओर से किए गए एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी गई।
गगनयान के लिए चयनित सभी 10 टेस्ट पायलटों की इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में मेडिकल जांच कराई गई है। जिसमें सभी पास हो गए हैं।
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना की ओर से शुरुआत में कुल 25 पायलटों को चुना गया था। लेकिन इनमें से केवल 10 पायलट ही क्वालिफाई कर पाए।
इसरो और भारतीय वायुसेना इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2022 में 3 भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है। इसरो इन सभी पायलटों को ट्रेनिंग देगा।
हालांकि हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के बाद जानकारी मिली है कि रसिया भी इन पायलटों की ट्रेनिंग में भारत की मदद कर सकता है ।
Updated on:
09 Sept 2019 11:59 am
Published on:
09 Sept 2019 09:22 am
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