जम्मू में ड्रोन हमले ने क्या भारत को नई लड़ाई के लिए किया आगाह? खतरे का संकेत इन खतरों से निपटने की तैयारी में जुटी सेना सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हाल में हुए ड्रोन हमले के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि हम खतरे से निपटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रहे हैं। चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या खुद देशों ने पैदा किए हों। हम ड्रोन खतरे से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रहे हैं। सेना प्रमुख ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमारे पास एक मजबूत आतंकवाद विरोधी और घुसपैठ रोधी ग्रिड है। भारतीय सेना की ओर से शांति सुनिश्चित करने के लिए अभियान जारी रहेगा। नरवने ने कहा — हमेशा ऐसे तत्व अस्तित्व में होते हैं जो शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करते हैं। हमें ऐसे तत्वों की समय रहते पहचान करने की आवश्यकता है।
आतंकी घटनाओं में आई कमी इसके अलावा सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच फरवरी में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद नियंत्रण रेखा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोई घुसपैठ न होने के कारण कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाएं भी कम हुई हैं।
दरअसल, 27 जून को जम्मू में इंडियन एयरफोर्स के बेस के अंदर आतंकी हमला को अंजाम दिया गया था। इस हमले में दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि उस विस्फोट में किसी विमान को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन 2 सुरक्षा कर्मियों को मामूली चोटें आई थी। इस हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं। साथ ही एयरफोर्स स्टेशन पर एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया गया है।