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जम्मू-कश्मीर में सेना को बड़ी कामयाबी, जैश आतंकी मसूद अजहर का भतीजा अबू सैफुल्ला ढेर

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा में मुठभेड़ के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया है। इनमें से एक की पहचान आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भतीजा के तौर पर हुई है। इसका नाम अबू सैफुल्ला ऊर्फ अदनान उर्फ इस्माइल उर्फ लंबू है।

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Jammu-Kashmir: Jaish Chief Masood Azhar Nephew Abu Saifullah Alias Lambu Killed

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए भारतीय सेना ऑपरेशन ऑलआउट चला रही है और अब शनिवार को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा में मुठभेड़ के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया है। इनमें से एक की पहचान आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भतीजा के तौर पर हुई है। इसका नाम अबू सैफुल्ला ऊर्फ अदनान उर्फ इस्माइल उर्फ लंबू है।

जानकारी के मुताबिक, लंबू पुलवामा हमले में शामिल था और वह वाहन से चलने वाला एक IED एक्सपर्ट था। अफगानिस्तान में इस तरह के IED का नियमित इस्तेमाल किया जाता है और 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के दौरान भी इसी का इस्तेमाल किया गया था। लंबू का नाम जांट एजेंसी NIA की चार्जशीट में भी है और वह कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है।

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सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि आतंकी लंबू 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शामिल था। अब सेना ने मुठभेड़ के दौरान लंबू को मार गिराया। दूसरे आतंकवादी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के पास से एक एम-4 राइफल, एके-47 राइफल, एक ग्लॉक पिस्टल और एक अन्य पिस्टल बरामद किया गया है।

2017 से घाटी में सक्रिय था लंबू

जानकारी के मुताबिक, आतंकी लंबू 2017 से ही घाटी में सक्रिय था। वह कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य कमांडर था। वह बहावलपुर के कोसार कॉलोनी का रहने वाला था, लेकिन उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। 2017 में उसने भारत में घुसपैठ की और वह अवंतीपोरा, पुलवामा, अनंतनाग में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था। लंबू पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी नजर थी।

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बताया जा रहा है कि आतंकी लंबू ऊर्फ इस्माइल अपने करीबी साथी समीर अहमद डार के साथ मिलकर त्राल के नेशनल हाइवे इलाके में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करता था। अहमद डार पुलवाामा के काकपोरा का रहना वाला था। इससे पहले 2020 में बुदगाम में हुए एक मुठभेड़ के दौरान लंबू भागने में सफल रहा था, हालांकि वहघायल हो गया था।

बताया जा रहा है कि लंबू के तार अफगानिस्तान में तालिबानियों से जुड़ा था। वह तल्हा सैफ और उमर का करीबी रहा है, जो मारे दिए गए हैं। लंबू फिदायीन हमले कराने के लिए भी सक्रिय था। साथ ही साथ घाटी में युवाओं को बहकाने और पत्थरबाजी के लिए उकसाता था।