
कलबुर्गी हत्याकांड: कर्नाटक सरकार की जांच से SC नाराज, कहा- दो हफ्ते में दें जवाब
नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक सरकार को कड़ी फटकार लगई है। दरअसल सोमवार को अदालत ने कन्नड़ लेखक और हंपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एमएम कलबुर्गी की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कर्नाटक सरकार पर सवाल खड़े किए और कहा कि आखिर इस मामले की जांच के लिए कितना समय लगेगा। कोर्ट ने सख्त होते हुए यह आदेश दिया कि दो हफ्ते के अंदर यह जानकारी दें कि कितने समय में इस मामले की जांच पूरी हो जाएगी।
कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब देने को कहा
बता दें कि जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में कर्नाटक सरकार ने अभी तक जांच में कुछ भी नहीं किया है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि इस संबंध में सरकार सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को तैयार है। इसपर कोर्ट ने कहा कि नाराज होकर कहा कि सरकार दो हफ्ते के अंदर ये बताएं कि जांच कब तक पूरी हो जाएगी। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि इस जनहित याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट भेजने को वे तैयार हैं।
एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है
आपको बता दें कि कलबुर्गी की पत्नी उमादेवी कलबुर्गी ने सुप्रीम कोर्ट में हत्या की जांच रिटायर जज की निगरानी में SIT से कराने के लिए याचिका दायर की थी, जिसपर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों एनआइए, सीबीआई,महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक की सरकारों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब मांगा था। इसी वर्ष मार्च में केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि NIA का इस हत्याकांड की जांच से कोई लेना- देना नहीं है क्योंकि इसमें आतंकवादी घटना नहीं हुई है।
क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि 30 अगस्त, 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ में हंपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और जाने-माने विद्वान कलबुर्गी को उनके ही आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे 77 वर्ष के थे। वह साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार थे। हालांकि इस हत्याकांड में किसका हाथ है अभीतक पता नहीं चल सका है लेकिन कलबुर्गी की पत्नी ने अपनी याचिका में बताया है कि उनके पति, नरेंद्र दाभोलकर तथा गोविंद पनसरे की हत्या के तार आपस में जुड़े हुए हैं। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की कर्नाटक सरकार कर रही है।
Published on:
27 Nov 2018 08:28 pm
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