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COVID-19: सबसे कम उम्र के मरीज ने दी कोरोना को मात, हॉस्पिटल से मिली छुट्टी

10 महीने का बच्चा हुआ स्वस्थ, मिली अस्पताल से छुट्टी इतने कम उम्र के बच्चे के संक्रमित होने को लेकर रहस्य बना हुआ था

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COVID-19: सबसे कम उम्र के मरीज ने दी कोरोना को मात, हॉस्पिटल से मिली छुट्टी

COVID-19: सबसे कम उम्र के मरीज ने दी कोरोना को मात, हॉस्पिटल से मिली छुट्टी

नई दिल्ली। कर्नाटक राज्य में वैश्विक महामारी ( Pandemic ) नोवल कोरोना वायरस ( coronavirus ) के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच शनिवार को एक अच्छी खबर आई। राज्य के सबसे कम उम्र का मरीज कोरोना ( Coronavirus Patient ) को मात देने में सफल रहा। 10 महीने के बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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इतने कम उम्र के बच्चे के संक्रमित होने को लेकर रहस्य बना हुआ था। बच्चे या उसके परिवार के सदस्यों के विदेश यात्रा या विदेश से लौटे किसी व्यक्ति के संपर्क में आने का रिकार्ड नहीं था। हालांकि, माता-पिता उसे पड़ोसी केरल के कोरोना हॉट स्पॉट कासरगोड ले गए थे। बच्चे को 20 मार्च को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 25 मार्च को बच्चे के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। हालांकि, कोविड-19 जांच में उसके परिजनों के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई।

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बच्चे के सीधे संपर्क में आई मां और दादी को भी आइसोलेसन से छुट्टी दे दी गई। दक्षिण कन्नड़ जिले की जिलाधिकारी सिंधु बी. रुपेश ने बताया कि 7 और 8 अप्रेल के हुई जांच में बच्चे की रिपोर्ट निगेटिव आई। पूरी तरह स्वस्थ होने की पुष्टि के बाद शनिवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दक्षिण कन्नड़ जिले में अभी तक 12 मरीजों की पुष्टि हुई है जिनमें से 6 स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले एक सप्ताह से जिले में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

नंजनगुड का पहला मरीज भी हुआ स्वस्थ

राज्य में कोरोना के लिए सबसे बड़े क्लस्टर के तौर पर उभरे नंजनगुड फार्मा कंपनी मामले में पहले मरीज को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद छुट्टी मिल चुकी है। फार्मा कंपनी में काम करने वाले युवक के 26 मार्च को संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। इस पी-52 मरीज के साथ काम करने वाले 20 अन्य कर्मचारी और उनके संपर्क मेंं आए 9 लोग संक्रमित हो चुके हैं। शनिवार को भी कंपनी के 4 कर्मचारियों व उनके संपर्क में आए परिजन के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। मैसूरु जिले में 47 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 29 मरीज नंजनगुड फार्मा केस से जुड़े हैं। मरीज पी-52 के विदेश यात्रा नहीं करने और विदेश से लौटे व्यक्ति से संपर्क में नही आने के कारण संक्रमण का स्त्रोत अभी रहस्य बना हुआ है। कंपनी में चीन से कच्चा माल आता था और उसे संक्रमण का कारण माना जा रहा था लेकिन रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई। कंपनी ने चीन से जैल भी मंगवाया था जिसे जांच के लिए पुणे की प्रयोगशाला में भेजा गया है।

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215 हुई मरीजों की संख्या
प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के आठ मामले सामने आने के बाद मरीजों की संख्या २१५ पहुंच गई। सभी मामले अन्य पॉजिटिव मरीजों से जुड़े हैं। मरीजों में एक 32 वर्षीय चिकित्सक और 10 वर्ष का एक बच्चा भी है।








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