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Alphonso आम पर भी Coronavirus का साया, कम डिमांड के चलते कीमतों में आई गिरावट

Coronavirus के चलते कर्नाटक के Alphonso आम पर भी संकट, मांगी में कमी से गिरी कीमतें

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Dheeraj Sharma

Apr 27, 2021

Alphonso Mango price reduce due to Coronavirus Effect

Alphonso Mango price reduce due to Coronavirus Effect

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus )लगातार अपने पैर पसार रहा है। दक्षिण राज्य कर्नाटक ( Karnataka )में इसका असर दिखाई दे रहा है। कोरोना के बढ़ते संकट का असर अब यहां के हापुस आम पर दिखाई दे रहा है। कोरोना के खतरे के बीच कर्नाटक के फलों के बाजार में हापुस ( Alphonso ) की डिमांड कम हो गई है।

दरअसल कर्नाटक में आम का मौसम शुरू हो गया है। यहां का आम स्वाद में कोंकण में हापुस के समान है। कर्नाटक में इस वक्त फलों के बाजार में आम की बड़ी मात्रा आ रहा है, लेकिन कोरोना के चलते हापुस की डिमांड कम हो गई है। इसी तरह महाराष्ट्र के रत्नागिरी, कोंकण के हापुस आम पर भी कोरोना की मार देखी जा सकती है।

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कोरोना संक्रमण का असर कई क्षेत्रों पर पड़ रहा है। ऐसा ही असर ने कर्नाटक में आम की मांग को कम कर दिया है। मांग में कमी के कारण कीमतों में तेजी से गिरावट आ रही है। खुदरा बाजार में एक दर्जन से अधिक कर्नाटक के आम 300 से 500 रुपए में बेचे जा रहे हैं।

दरअसल पिछले वर्ष की तुलना में कर्नाटक आम की कीमतों में काफी कमी आई है। दरअसल कर्नाटक में आम का आगमन मार्च के महीने में शुरू होता है।

श्री छत्रपति शिवाजी मार्केट यार्ड एडीटी एसोसिएशन के सचिव रोहन उर्सल के मुताबिक कर्नाटक के तुमकुर क्षेत्र से आम का आयात किया जाता है। मार्च से शुरू होकर आम का मौसम जून महीने तक रहता है। लेकिन इस बार कोरोना ने आम के सीजन को खासा प्रभावित किया है। खास तौर पर हापुस आम की मांग काफी कम हो गई है।

थोक बाजार से आयात बढ़ने के कारण वर्तमान में कर्नाटक में आम की कीमतों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि मई में आम की आवक और बढ़ने की उम्मीद है।

कर्नाटक मैंगो की कीमतें इस प्रकार हैं - कर्नाटक हापुस मैंगो बॉक्स ( तीन से पांच दर्जन) - 600 से 1000 रुपए। पायरी- 500 से 800 रुपए (चार से पांच दर्जन), लालबाग- 20 ते 40 रुपए प्रति किलो, तोतापुरी - 20 ते 35 रुपए, मलिका- 40 ते 60 रुपए है।

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आपको बता दें कि महाराष्ट्र के कोंकण, पुणे, रत्नागिरी और देवगढ़ से मुख्य तौर पर हापुस आम का प्रवाह ज्यादा रहता है। लेकिन व्यापारियों की मानें तो उपभोक्ताओं की मांग इस बार काफी कम है। इसके पीछे कोरोना वायरस के साथ-साथ इसकी कीमत आम लोगों की पहुंच से दूर होना बताया जा रहा है।

महाराष्ट्र का प्रसिद्ध हापुस आम का कारोबार कोरोना की चपेट में आ गया है. पहले तो प्राकृतिक आपदाओं के कारण आम की पैदावार वैसे ही घट गई थी और अब कोरोना की दूसरी लहर से आम के व्यापारियों और किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।

महाराष्ट्र में रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले हापुस आम की पैदावार के प्रमुख क्षेत्र है. इस वर्ष अधिक बरसात और तपिश के कारण हापुस आमों की पैदावार प्रभावित हुई है।

निर्यात पर रोक से भी झटका
कोरोना के चलते हापुस का निर्यात भी बंद है। हर वर्ष कोंकण के हापुस आमों से होने वाली कुल आमदनी का 60 प्रतिशत हिस्सा खाड़ी, एशियाई, यूरोपीय और अमेरिका महाद्वीपों के कई देशों के निर्यात से मिलता है, लेकिन कोरोना ने इसे सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।


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