scriptसुलगते कश्मीर में पढ़े लिखे युवा बन रहे हैं आतंकी, पुलिसकर्मियों पर भी दहशतगर्दों की नजर | Kashmir: Story about educated terrorist in India | Patrika News

सुलगते कश्मीर में पढ़े लिखे युवा बन रहे हैं आतंकी, पुलिसकर्मियों पर भी दहशतगर्दों की नजर

locationनई दिल्लीPublished: Oct 11, 2018 10:50:18 am

Submitted by:

Saif Ur Rehman

आतंकी गुटों में शामिल होने वाले युवाओं में कई उच्च शिक्षित हैं।

Terror

Representative Image

नई दिल्ली। कश्मीर की वादियां आतंक की आग में जल रही हैं। सुरक्षाबल घाटी में शांति कायम करने में अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं। देश में दहशत फैलाने वालों के खिलाफ सेना ने ऑपरेशन ऑलआउट चलाया हुआ है। कुछ ऐसे भी हैं जिनके मंसूबों को हमारे सुरक्षाबलों ने नेस्तानाबूद कर दिया है। जो रास्ता भटक गए हैं सुरक्षाबल उन्हें वापस सही रास्ते पर लाने पर भी लगे हुए हैं। हाल ही में कई नौजवान ऐसे भी रहे जो पढ़े लिखे थे लेकिन उन्होंने बंदूक उठा ली। आतंकियों की नजर पुलिसकर्मियों पर भी है।
जम्मू कश्मीर: हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों ने आतंकी बने amu के पूर्व छात्र सहित 3 को घेरा, स्कूल-कॉलेज बंद

terror
आतंक की राह पर पढ़े लिखे युवा
बुधवार को पंजाब पुलिस ने अंसार गजवात-उल-हिंद के एक आतंकी मॉड्युल का पर्दाफाश करते हुए कश्मीर के तीन छात्रों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने छात्रों के पास से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की। गिरफ्तार छात्र यहां तीन-चार सालों से पढ़ाई कर रहे थे। 27 अप्रैल को पुलिस ने जालंधर और रजपुरा से दो संदिग्ध कश्मीरी हैकर्स को अपने शिकंजे में लिया था। इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का एक पूर्व छात्र मन्नान बशीर वानी लापता हो गया था, बाद में पता चला कि मन्ना वानी आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के साथ जुड़ गया है। वह पीएचडी कर रहा था। इस खबर के बाद पुलिस की रडार पर करीब आठ सौ छात्र आ गए। छात्रों के रिकॉर्ड की छानबीन की गई। वहीं देहरादून में पढ़ने वाला कश्मीरी छात्र शोएब मोहम्मद लोन भी इस वर्ष दहशतगर्दी में संलिप्त पाया गया। अगस्त में बीटेक छात्र खुर्शीद अहमद मलिक भी आतंकी बन गया था। 3 अगस्त को बारामुला मुठभेड़ के दौरान उसकी मौत हो गई थी। 24 मार्च 2018 को तहरीक-ए-हुर्रियत के चीफ अशरफ सेहराई के गायब हुए बेटे जुनैद अहमद की तस्वीर वायरल हुई थी। जिसमें यह बात सामने आई कि वह आतंकी बन गया है। उसकी शौक्षिण योग्या एमबीए बताई गई । इस साल हेड कॉस्टेबल मुहम्मद मकबूल का बेटा आबिद मकबूल भी आतंकी बना। कहा जा रहा है कि त्राल में एक दर्जन पुलिस वालों के बच्चे इस इलाके से आतंकी बन चुके हैं।
terror
युवा बने रहे हैं आतंकी
पिछले तीन वर्षों में 280 स्थानीय युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता अपनाते हुए हाथों में बंदूक उठा ली है। इस साल मई के माह में खबर आई थी कि अकेले मई महीने में ही 20 युवक आतंकी गुटों में शामिल हुए हैं। जिसपर सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों जानकारी देते हुए बताया था कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां और पुलवामा जिले सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित हैं। यहां के युवा आईएसआईएस-कश्मीर और अंसार गजवात उल हिंद जैसे आतंकी गुटों में भर्ती हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना था कि, वर्ष 2018 आतंकी गुटों में युवाओं के शामिल होने के मामले में सबसे बुरा साल हो सकता है। इस साल मई तक 81 युवक आतंकी गुटों में शामिल हो चुके हैं। साल 2017 में 126 युवकों ने बंदूक थामी थी। इस साल आतंकी गुटों में शामिल होने वाले युवाओं में कई उच्च शिक्षित हैं।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा और संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक,

सालशामिल होन वाले युवा
201054
201123
201221
201306
201453
201566
201688
2017126
terror
पुलिसकर्मियों पर आतंकियों की नजर

पुलिसवाले भी आतंक की राह पकड़ रहे हैं। जम्मू कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक एजाज अहमद मीर के अंगरक्षक आदिल बशीर भी हिज्ब आतंकी जीनत-उल-इस्लाम उर्फ अबु अल कामा के गुट में शामिल हो गया। पुलिसकर्मियों के आतंकी बनने पर सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 3 साल में 12 पुलिसकर्मी करीब 30 हथियारों के साथ भाग चुके हैं।
terror
1993 में हुआ था पहला बड़ा विद्रोह
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर पुलिस को अपने पहले प्रमुख विद्रोह का सामना 1993 में करना पड़ा था, जब लगभग 1,000 पुलिसकर्मियों ने सेना की हिरासत में अपने एक साथी की मौत के विरोध में पुलिस कंट्रोल रूम पर नियंत्रण कर लिया था। बाद में सेना और अर्धसैन्य बलों को इमारत खाली कराने के लिया बुलाया गया, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने आत्मसमर्पण किया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो