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लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं युवा जोड़े, चाहें तो शादी भी कर लें: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि देश का कानून कहता है कि 18 साल से अधिक उम्र का इंसान अपने निर्णय खुद ले सकता है।

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Chandra Prakash Chourasia

Jun 01, 2018

Kerala High Court

लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं युवा जोड़े, चाहें तो शादी भी कर लें: केरल हाईकोर्ट

नई दिल्ली। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे बालिग जोड़े से अगल करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में दखलंदाजी करने से साफ इनकार करते हुए 18 वर्षीय युवक और 19 वर्षीय युवती को साथ रहने की अनुमति दे दी है।

देश के कानून देता है निर्णय का अधिकार

कोर्ट ने इस मामले में दखलंदाजी करने से इनकार करते हुए कहा कि देश का कानून कहता है कि 18 साल से अधिक उम्र का इंसान अपने निर्णय खुद ले सकता है। केरल उच्च न्यायालय ने यह भी कहा युवक की शादी की उम्र होने पर दोनों शादी भी कर सकते हैं।

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लड़की के पिता ने लगाई थी याचिका

बता दें कि लड़की के पिता अलप्पुझा जिला से हैं और उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी बेटी को अदालत में पेश करने की मांग की थी। लड़की के पिता याचिका में आरोप लगाया गया था कि उनकी बेटी लड़के के साथ अवैध संरक्षण में रह रही है। इस याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह इस तथ्य पर आंख बंद नहीं कर सकते कि समाज में लिव इन रिलेशनशिप विकसित हो रहा है। इस तरह के युगल जोड़ों को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका से अगल नहीं किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट पहले ही दे चुका है हरी झंड़ी

सुप्रीम कोर्ट पहले ही ये साफ चुका है कि कि शादी के बाद भी अगर वर- वधू में से कोई भी विवाह योग्य उम्र से कम हो तो वो लिव इन रिलेशनशिप में साथ रह सकता है। लिव-इन में रहने से उनके विवाह पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का सभी को अधिकार है। इस अधिकार को कोई छीन नहीं सकता। चाहे वह कोई कोर्ट हो, व्यक्ति या कोई संगठन। कोर्ट ने कहा कि अगर युवक विवाह के लिए जो तय उम्र है यानी 21 साल का नहीं भी है तब भी वह अपनी पत्नी के साथ 'लिव इन' में रह सकता है। वहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि आगे वर- वधू पर निर्भर है कि वो शादी लायक उम्र होने के बाद विवाह करें या यूं ही साथ रहें।