
लोन वुल्फ अटैक ( Lone Wolf Attack ) आतंक फैलाने का नया जरिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली ( Delhi ) के धौला कुआं और करोल के बीच रिज रोड पर लोन वुल्फ अटैक ( Lone Wolf Attack ) का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात इस मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ( Delhi Police Special Cell ) की एक टीम को इससे जुड़े एक संदिग्ध आईएसआईएस ( ISIS ) आतंकी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। पुलिस के इस कामयाब मुहिम से एक बड़ा आतंकी हमला तो टल गया लेकिन लोन वुल्फ अटैक एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
इसलिए यह जानना जरूरी है कि आखिर लोन वुल्फ अटैक क्या होता और और इसके पीछे चरमपंथी व आतंकी संगठनों ( Terrorist organizations ) का मकसद क्या होता है। आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में सबकुछ :
क्या होता है लोन वुल्फ अटैक?
दरअसल, लोन वुल्फ अटैक हमले आतंकी हमले का नया तरीका है। यह वो तरीका है जिसमें आतंकी रोजमर्रा या साधारण चीजों का इस्तेमाल करते हैं। इस हमले में एक अकेला शख्स ही पूरे अटैक को अंजाम देता है। लोन वुल्फ अटैक का मकसद अकेले दम पर ज्यादा से ज्यादा जन-धन को नुकसान पहुंचाने का होता है। इस अटैक में छोटे हथियारों, चाकुओं, आदि इस्तेमाल किया जाता है।
लोन वुल्फ अटैक की स्थिति में हमलावर का पता लगाना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए कि हमले के लिए किसी बड़े बजट, बड़ी योजना या बड़ी टीम की जरूरत नहीं होती। इससे प्लान का पता लगाना और उसे फेल करना खुफिया एजेंसियों ( Intelligence agencies ) के लिए भी काफी मुश्किल होता है।
इस तरह दिया जाता है इस हमले को अंजाम
सबसे पहले लोन वुल्फ अटैकर्स के दिमाग को पूरी तरह से कट्टरपंथी सोच (Radical thinking ) से भर दिया जाता है। उन्हें इस बात की सीख दी जाती है कि जितना कहा जाएगा उतना ही वह करेंगे। उसके आगे उन्हें समझना और सोचना नहीं होता। लोन वुल्फ अटैक को बिना टीम के अंजाम दिया जाता है। मतलब अकेला आतंकी पूरे हमले को अंजाम देता है। इस अटैक में सभी तरह के हथियारों का प्रयोग किया जा सकता है। आतंकी का मकसद टारगेट के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को क्षति पहुंचाना होता है।
इस तरह के हमले को आईएसआईएस और अलकायदा ( al Qaeda ) जैसे आतंकी संगठन अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अंजाम देने के फिराक में होते हैं। करीब तीन साल पहले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने कुंभ जैसे मेलों में लोन वुल्फ अटैक की चेतावनी दी थी।
करीब 3 साल पहले मिली थी हमले की चेतावनी
इस हमले में खास बात यह होता है कि हमलावर इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम के जरिए आतंकी संगठनों के जुड़े होते हैं और उनसे प्रेरणा लेकर हमले को अंजाम देते हैं।
विश्व के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने भारत में लोन-वुल्फ हमले की धमकी करीब तीन साल पहले भी दी थी। हमले की जानकारी 10 मिनट लंबी ऑडियो क्लिप मलयालम भाषा में रिलीज कर दी थी। उक्त वीडियो में कुंभ मेले और केरल के त्रिसूर पुरम जैसे लोकप्रिय त्योहारों में भीड़ पर अमरीका के लास-वेगास ( Las Vegas of USA ) जैसे लोन वुल्फ हमले की चेतावनी दी थी।
2 माह पूर्व भी खुफिया एजेंसी ने दी थी ऐसी जानकारी
करीब दो महीने पहले आतंकी संगठन अलकायदा लोन वुल्फ अटैक के जरिए भारत में बड़ी तबाही मचाने की साजिश के फिराक में था। खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी थी कि सरकार के बड़े मंत्री, अफसर, हिंदूवादी नेता और सुरक्षा एजेंसी से जुड़े लोग अलकायदा के निशाने पर हैं। इसके लिए अलकायदा ने बांग्लादेश में कट्टर इस्लामिक सोच के छात्रों और प्रोफेशनल युवाओं को ऑनलाइन ट्रेनिंग कंटेंट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
उस समय खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी थी कि ऑनलाइन ट्रेनिंग कंटेंट के जरिए भारत में जिहादी सोच रखने वाले युवाओं को लोन वुल्फ अटैक के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। इसी के तहत पिछले दिनों कुछ वीडियो और ऑडियो अलग-अलग वेबसाइट्स पर पोस्ट भी किए गए थे।
निशाने पर दिल्ली क्यों?
बताया जा रहा है कि कश्मीर में लगातार आतंकियों का खात्मा होता देख आतंकी संगठन अलकायदा बौखलाने लगा है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक कश्मीर में अलग-अलग एनकाउंटर में करीब सवा सौ से ज्यादा आतंकवादी सेना के हाथों मारे जा चुके हैं। इनमें 8 से ज्यादा आतंकी संगठन के टॉप कमांडर थे। यही कारण है कि उसने देश में दहशत फैलाने के लिए अब लोन वुल्फ अटैक का सहारा लेने की कोशिश में है। दिल्ली को निशाने पर लेने के पीछे उनका मकसद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ और खौफ का संदेश देना है। इसके अलावा आतंकी इस तरह के हमले को भीड़भाड़ वाले इलाके और बड़े पैमाने पर लगने वाले मेलों को निशाने बनाने के लिए कर सकते हैं।
बता दें कि लोन वुल्फ अटैक आतंकी संगठनों के जरिए आतंक फैलाने का नया जरिया बन गया है। ये तरीका उनके लिए ज्यादा आसान है, क्योंकि इसके लिए दहशतगर्दों को किसी बड़ी योजना या साधनों की जरूरत नहीं पड़ती।
Updated on:
22 Aug 2020 08:59 pm
Published on:
22 Aug 2020 04:16 pm
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