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Lockdown:  गुजरात से पलायन को मजबूर राजस्थान और एमपी के प्रवासी मजदूर

मंगलवार को लॉकडाउन के बाद काम भी हो गया लॉक परिवहन सुविधा ठप होने से पैदल घर लौटने का लिया निर्णय गुजरात में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर राजस्थान और एमपी के

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नई दिल्ली। कोरोना के कहर को नियंत्रित करने के लिए एक तरफ पीएम मोदी ने पूरे देश को लॉकडाउन करने की घोषणा की तो दूसरी तरफ गुजरात में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के काम पर भी ताला लग गया। हालांकि पीएम ने कंपनी मालिकों से मजदूरों राहत देने की अपील की थी पर मजदूरों को उसका लाभ नहीं मिला। इसका परिणाम यह निकला कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के मजदूर हजारों किलोमीटर दूर अपने घर के लिए पैदल ही रवाना हो गए।

क्यों पैदल घर वापस लौटने का लिया फैसला

दरअसल, पीएम मोदी की ओर से दो दिन पहले लॉकडाउन की घोषणा होते ही ट्रेन, बसें, हवाईजहाजों, मेट्रो व परिवहन के अन्य साधनों पर भी ब्रेक लग गया। दूसरी तरफ काम ठप होने की वजह से गुजरात में काम करने वाले हजारों मजदूर के सामने रोटी के लाले भी पड़ गए। ऐसे में मजदूरों के सामने काम के अभाव में घर वापस लौटने के सिवाय और कोई चारा नहीं बचा।

ताज्जुब की बात ये है इन मजदूरों की सहायता के लिए न तो गुजरात सरकार, न कंपनी के प्रबंधक व फैक्ट्री मालिक और न हीं गैर सरकार संगठन के लोग आगे आएं। मजबूरन प्रवासी मजदूरों को वहां से हजारों किलोमीटर दूर घर के लिए पैदल रवाना होना पड़ा। बता दें कि गुजरात में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर राजस्थान और मध्य प्रदेश रहने वाले हैं।

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पलायन क्यों?

हालांकि लॉकडाउन की घोषणा करते वक्त पीए मोदी ने कहा था कि कोई कहीं नहीं जाएगा। जो जहां पर है वहीं रहेगा। 14 अप्रैल तक अपने घर में ही रहें। लेकिन कंपनी, फैक्ट्रियों और विनिर्माण इकाइयों में काम बंद होने से मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया। कोई काम नहीं होने के कारण सूरत, अहमदाबाद और वडोदरा सहित गुजरात के प्रमुख शहरों से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पलायन को मजबूर हुए।

लॉकडाउन के कारण सभी कंस्ट्रक्शन साइट बंद बंद हैं, जहां काम करने वाले करीब 50 हजार मजदूरों में से अधिकांश दूसरे राज्यों के हैं। जानकारी के मुताबिक दाहोद और गोधरा से भी मजदूर अब अपने राज्य मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं।

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स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक करीब 5 हजार लोग सूरत से निकले हैं। हीरा फैक्ट्री में काम करने वाले अधिकांश मजदूर, राजस्थान और मध्य प्रदेश के हैं। अहमदाबाद में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले भी अब पैदल ही अपने-अपने राज्यों के लिए निकल पड़े हैं। राज्य सरकार के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ जगहों पर पुलिस और कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं इनके लिए खाने-पीने के इंतजाम कर रहे हैं।

गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने बताया कि राजस्थान सरकार ने वापस लौट रहे मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम किया है। गुजरात में कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा हुआ है।