
COVID-19: मुसीबत भरा हो सकता है लॉकडाउन का बढ़ना, जानें लोगों के घरों में कितना स्टॉक?
नई दिल्ली। देश में रविवार से लेकर अभी तक कोरोना वायरस ( coronavirus in India ) के कुल 796 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान संक्रमण की वजह से 35 लोगों की मौत हुई है।
यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ( Union Ministry of Health ) ने दी। इस तरह से देश में कोरोना मरीजों की संख्या 9 हजार के पार निकल गई है।
यही वजह है कि केंद्र सरकार ( Central government ) देश में लॉकडाउन-2 लागू करने पर विचार कर रही है।
बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी ( Corona epidemic ) के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही मोदी सरकार देश को तीन भागों में बांट सकती है।
वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की चल रही चर्चाओं के बीच पता चल है कि पूर्वी भारत के 74.9 प्रतिशत लोगों के घरों में आवश्यक वस्तुएं देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम है।
वर्तमान का राशन और दवाइयां केवल तीन सप्ताह से कम समय तक ही चलेंगी। यह बात एक सर्वे में सामने निकलकर आई।
कुल फीसद में से 40 प्रतिशत के पास जरूरी सामान एक हफ्ते और 18.9 प्रतिशत के पास एक हफ्ते से भी कम का है।
जबकि, आवश्यक वस्तुएं को जोड़कर रखने वालों में 16 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके पास दो हफ्तों तक चलाने लायक सामान है।
अन्य क्षेत्रों की बात करें, तो इस सूची में दक्षिण भारतीय दूसरे स्थान पर हैं। यहां 67.4 प्रतिशत लोगों के पास एक सप्ताह से भी कम समय के लिए आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक रखा हुआ है।
इन सबके बीच, उत्तर भारत में उन लोगों की संख्या सबसे अधिक है, जिन्होंने तीन सप्ताह से अधिक समय तक के लिए जरूरी सामान का स्टॉक रखा हुआ है।
यह सर्वे कोविड ट्रैकर इंडेक्स ऑफ पैनिक पर एक दैनिक ट्रैकिंग पोल पर आधारित हैं।
यह देशभर में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के वयस्कों के बीच पिछले सात दिनों के दौरान आयोजित किया गया है।
सर्वे सभी राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों से रेंडम प्रोबेबिलिटी सैंपलिंग द्वारा जुटाई गई जानकारी पर आधारित है। नमूना का आकार 1,114 है और सर्वेक्षण 4 से 6 अप्रैल के बीच किया गया था।
Updated on:
13 Apr 2020 05:53 pm
Published on:
13 Apr 2020 05:46 pm
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