
केंद्र सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस को नियंत्रित करना है।
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( coronavirus ) का कहर चरम पर है। कोरोना मरीजों की संख्या 3 लाख के पार कर पूरी व्यवस्था को बौना साबित करने पर तुली है। देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र और राजनीतिक राजधानी दिल्ली में हर दिन कोरोना वायरस के रिकॉर्ड संख्या में नए मामले ( Record number of case ) सामने आ रहे हैं। कुछ अन्य राज्यों में भी कोरोना पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा असर दिखा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार Central Government के लिए कोरोना महामारी को नियंत्रित करने का काम सबसे बड़ी चुनौती है।
यही वजह है कि एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) 16 और 17 जून को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ( Video conferencing ) के जरिए छठी बार बैठक करेंगे। बता दें कि लॉकडाउन ( Lockdown ) चार की समाप्ति के मौके पर पीएम मोदी ने हमेशा की तरह सीएम से खुद चर्चा नहीं की थीं बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी से चर्चा की और पीएम को इस बारे में ब्रीफ किया था।
इस बार बैठक दो दिनों तक अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चलेगी। बैठक का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री मोदी किन बातों को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर सकते हैं।
आम लोगों के मन में भी इस बात पर मंथन का दौर जारी है कि पहली बार पीएम मोदी ने 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। उसके बाद तीन बार लॉकडाउन को बढ़ाया गया। पांचवीं लॉकडाउन के चरण में आनलॉक-1 जारी हैं। इसी बीच देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख को पार हो गई है। स्थिति पहले से ज्यादा विकट हो गई है। स्वाभाविक है कि सभी सोच रहे होंगे कि पीएम मोदी का अगला कदम क्या उठाएंगे?
1. अलग-अलग राज्यों में कोरोना के हालात का जायजा
पीएम नरेंद्र मोदी छठी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके प्रदेश की रिपोर्ट ले सकते हैं। क्योंकि जिस तरह अनलॉक-1 ( Unlock-1 ) में ज्यादातर प्रदेशों में कई पाबंदियों में छूट दी गई, उससे पैदा हुए हालातों पर समीक्षा की जा सकती है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्य में स्थिति एवं बेहतरी के लिए सुझाव भी लिए जा सकते हैं।
2. सख्ती बढ़ाने पर विचार
लॉकडाउन-5 के बाद अनलॉक-1 में जिस तरह देश के राज्यों में लोगों को छूट दी गई, उससे लोगों की जिंदगी तो पटरी पर लौटी। लेकिन आंकड़ों के लिहाज से देखें तो लगातार ही कोरोना वायरस के संक्रमण मामले तेजी से बढ़ना शुरू हो गए। ऐसे में कुछ राज्य हैं जहां छूट के चलते कोरोना केसो की संख्या में बंपर उछाल देखा गया है। ऐसे में पीएम मोदी सख्ती के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्रियों की राय जान सकते हैं।
3. पंजाब मॉडल पर चर्चा संभव
कोरोना के विस्तार को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ( Punjb Government ) ने एक दिन पहले ही फैसला किया है कि वो अपने राज्य में सख्ती बढाएगा। क्योंकि वहां कोरोना मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। ऐसे में ये भी हो सकता है कि सभी मुख्यमंत्रियों प्रधानमंत्री के समक्ष इस बात की चर्चा करें कि क्यों न पंजाब मॉडल ( Punjab Model ) पर आगे बढ़ा जाए। ऐसा इसलिए कि देश में सख्ती बढ़ाने से नतीजों में सुधार देखने को मिल सकता है।
4. दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के लिए अलग प्लान ?
दिल्ली और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी बढ़ रही है। अगर महाराष्ट्र की बात करें तो यहां कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 लाख को पर गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्ली की भी है, जहां मरीजों के इलाज पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) द्वारा सख्त टिप्पणी भी की गई है। जहां तक गुजरात की बात है तो वहां कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरूआत से ही मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है। ऐसे में ये देखना अहम होगा की सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के लिए प्रधानमंत्री क्या रणनीति अपनाते हैं।
5. परिवहन के साधनों में पहले से ज्यादा छूट पर विचार
वर्तमान में देश में मेट्रो, रेलवे और अन्य यातायात सुविधाओं ( Transport system ) का सीमित ढ़ंग से ही संचालन हो पा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस विषय पर भी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर सकते हैं। जहां तक बात ट्रेनों के संचालन की बात है तो वर्तमान समय में अभी सीमित संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में क्या ट्रेनों के संचालने पर भी अतिरिक्त छूट दी जा सकती है? इस बात पर भी मंथन हो सकता है।
Updated on:
13 Jun 2020 11:12 am
Published on:
13 Jun 2020 09:26 am
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