22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महाराष्ट्र में BNMC का फैसला, अब ‘आरोग्य सखी’ कार्यक्रम के तहत घरों में प्रसव की अनुमति नहीं

अब किसी भी गर्भवती महिला की डिलीवरी घर में कराए जाने की अनुमति नहीं होगी भिवंडी निजामपुर नगर निगम ने किसी भी गर्भवती महिला की घर में प्रसव कराने की अनुमति देने से मना कर दिया है

2 min read
Google source verification

image

Vivhav Shukla

Jan 31, 2021

Maharashtra BNMC launches Arogya Sakhi program now no delivery in home

Maharashtra BNMC launches Arogya Sakhi program now no delivery in home

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भिवंडी निजामपुर नगर निगम ने गर्भवती महिलाओं को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के अनुसार अब किसी भी गर्भवती महिला की डिलीवरी घर में कराए जाने की अनुमति नहीं होगी। यह फैसला ‘आरोग्य सखी’ कार्यक्रम के तहत हुआ है, जिसके अनुसार भिवंडी निजामपुर नगर निगम ने किसी भी गर्भवती महिला की घर में प्रसव कराने की अनुमति देने से मना कर दिया है।

Maharashtra-Karnataka के बीच सीमा विवाद में आया नया मोड़, अब मुंबई को ये बनाने की उठी मांग

इस बारे में चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के आर खरात ने कहा कि भिवंडी नगर आयुक्त डॉ. पंकज आशिया ने ‘आरोग्य सखी’ कार्यक्रम को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया है। इसका पालन सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को करना होगा।

उन्होंने बताया कि ‘आरोग्य सखी’ कार्यक्रम के अंतर्गत महिला स्वास्थ्य कर्मियों को ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की देखरेख करने की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने कहा कि अधिक जोखिम वाले मामले में यह आरोग्य सखी शुरुआती देखभाल भी कर सकती हैं। डॉ. खरात ने बताया कि हर स्वास्थ्य केंद्र पर 20 आरोग्य सखियों की नियुक्ति होगी और दो सखियां मलिन बस्तियों में गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए घूमेंगी।

डॉक्टर खरात ने कहा, ‘कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के घरों में वह सभी सुविधाएं नहीं उपलब्ध होती हैं जो प्रसव कराते समय आवश्यक हैं। इस वजह से कई बार नवजात बच्चे या गर्भवती मां की जान चली जाती है। इस वजह से यह फैसला लिया गया है।’

डेढ़ माह की दोस्ती बदली प्यार में, 12 दिन पहले ही पपला के साथ रहने लगी थी गर्लफ्रेंड जिया, अब सात दिन के रिमां

उन्होंने बताया कि भिवंड़ी शहर में एक साल में करीब 12,000 से 13,000 डिलीवरी होती है। इनमें से 3 से 4 हजार डिलीवरी घरों में होती है। उन्होंने कहा कि घरों में डिलीवरी दवाइयों के इस्तेमाल से कराई जाती है। उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने की वजह से गर्भवती मां की जान पर बन आती है।