
नई दिल्ली। रविवार को महाराष्ट्र राजनीतिक संकट मामले में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में याची की ओर से अपना पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि रविवार को बुलाने के लिए माफी मांगता हूं। इसके बाद अशोक सिंघवी याची की ओर से पक्ष रखेंगे। BJP की तरफ से मुकुल रोहतगी अदालत के समक्ष पक्ष रखेंगे।
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने अपनी संयुक्त याचिका में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा देवेंद्र फडणवीस को शपथ दिलाने के निर्णय को रद्द करने की मांग की है। याचिका में जल्द से जल्द विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इन दलों ने अपनी याचिका में राज्यपाल के फैसले को मनमाना और संविधान विरोधी बताया है। साथ ही इस बात का भी जिक्र किया गया है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन को 154 विधायकों का समर्थन हासिल है।
याचिका में कहा गया कि राज्य में गैर भाजपा सरकार बनने की संभावना देखते हुए शुक्रवार आधी रात के बाद भाजपा ने अपने राजनीतिक तंत्र का बेजा इस्तेमाल कर आनन-फानन में फडणवीस को सरकार बनाने का रास्ता प्रशस्त किया।
याचिका में कहा गया कि शुक्रवार रात को राज्यपाल का महाधिवेशन में जाना प्रस्तावित था लेकिन राज्यपाल कोश्यारी ने इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया। अब तक यह सार्वजनिक नहीं हो पाया है कि आखिर शुक्रवार आधी रात के बाद फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा कैसे ठोका।
बता दें कि शुक्रवार को तीनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया गया था। शुक्रवार को शाम सात बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की गई कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे। वह राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
Updated on:
24 Nov 2019 12:34 pm
Published on:
24 Nov 2019 08:02 am
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