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मेघालय: टीकाकारण अभियान को लेकर आम जनता में उत्साह नहीं, सरकार की कोशिशें नाकाम

उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने बुधवार को एक सीमक्षा बैठक में बताया कि अभी तक 18-44 वर्ग के लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरुकता नहीं है।

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मेघालय उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है। संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से हर दिन हजारों लोगों की जान जा रही है। इससे बचाव को लेकर एकमात्र विकल्प वैक्सीनेशन है, जिसे देशभर में अभियान तरह चलाया जा रहा है। कई राज्यों में वैक्सीन की मारामारी है। कई केंद्रों पर लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। वहीं एक राज्य ऐसा भी है जहां पर वैक्सीनेशन को लेकर कोई उत्साह नहीं हैं। राज्य सरकार परेशान है कि उसे वैक्सीनेशन को लेकर अच्छा रिस्पांस नहीं मिल रहा है।

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टीकाकरण कवरेज मात्र 37-38 प्रतिशत

मेघालय सरकार 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए COVID टीकाकरण अभियान पर मिल रही खराब प्रतिक्रिया से नाखुश है। उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने बुधवार को एक सीमक्षा बैठक में बताया कि लक्षित समूह के लिए टीकाकरण कवरेज मात्र 37-38 प्रतिशत ही है।

उनका कहना है कि “यदि आप अपने आपको टीका लगवाते हैं तो आप सुरक्षित रहेंगे। यदि आप टीका नहीं लगवाते हैं, तो आपको सवालों का सामना करना पड़ेगा,” उन्होंने कहा, अब तक मिल रही प्रतिक्रिया से वे नाखुश हैं।

जल्द 42,000 टीके मिलेंगे

उपमुख्यमंत्री के अनुसार राज्य को जल्द 42,000 टीके मिलेंगे। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार कमजोर जिलों के लिए और अधिक टीके लगाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि 18-44 आयु वर्ग में कितने लोगों ने कोविन पोर्टल पर वैक्सीन का पंजीकरण कराया है, लेकिन इस समूह के लिए अभियान 14 मई से शुरू होगा।

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नकारात्मक सोशल मीडिया

तिनसॉन्ग के अनुसार सरकार ने टीकाकरण अभियान के लिए मिल रही खराब प्रतिक्रिया के कारणों की पहचान नहीं की है लेकिन ऐसा लगता है कि नकारात्मक सोशल मीडिया अभियान एक कारक हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी टीमें सीएचसी स्तर तक हैं ताकि लोगों को आक्रामक तरीके से समझाया जा सके और लोगों को शॉट्स के लिए राजी किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के डर को दूर करने के लिए स्थानीय भाषाओं में पुस्तिकाएं प्रकाशित करेगी।


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