
लॉकडाउन में मजबूर बेटे का सहारा बना प्रवासी मजदूर, बीमार मां तक पहुंचाई दवाई
नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन ( Lockdown 3.0 ) के चलते अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर ( Migrant labor ) किसी के लिए फरिश्ता भी बन सकते हैं, शायद किसी नहीं सोचा भी न होगा। लेकिन राजधानी दिल्ली निवासी सुभाष सिंह के साथ ऐसा ही हुआ। सुभाष सिंह दिल्ली में रहते हैं, जबकि उनकी मां बिहार के पूर्णिया ( Purnia ) में रहती हैं। उनको हार्ट प्रॉब्लम है। डॉक्टर ने दिल में ब्लॉकेज बताया है। दिल्ली के डॉक्टर ने उनके लिए दवाई लिखी हैं, लेकिन लॉकडाउन ( Lockdown ) की वजह से सुभाष अपनी मां तक दवाई नहीं पहुंचा पा रहे थे। उधर, उनकी मां को समस्या बढ़ती जा रही थी।
इस दौरान शुक्रवार को जब सुभाष को पता चला कि प्रवासी मजदूरों की एक बस पटना जा रही है, तो वह बस अड्डे पहुंच गए। सुभाष बस अड्डे स्टेशन के बाहर खड़े हो गए और बिहार जाने वाले प्रवासी मजदूरों से मदद की गुहार लगाने लगे। यहां तक कि उन्होंने पुलिसकर्मियो से भी मदद मांगी। इस बीच मुजफ्फरपुर जाने वाला एक प्रवासी मजदूर उनकी दवाइयों का पार्सल ले जाने को तैयार हो गया। सुभाष ने कहा कि मुजफ्फरपुर से उसका भाई पार्सल रिसीव कर लेगा। इसके बाद कहीं जाकर सुभाष की सांस में सांस आई।
आपको बता दें कि द्वारका निवासी सुभाष सिंह पिछले हर तीन माह में अपनी मां को दवाइयों का पार्सल भेजते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से उनके सामने संकट खड़ा हो गया। हालांकि इस दौरान उन्होंने प्राइवेट कूरियर कंपनियों से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन कोई बात न बनी। ऐसे में उनको अपनी मां तक दवाई भेजने की चिंता सता रही थी।
Updated on:
09 May 2020 08:11 pm
Published on:
09 May 2020 08:05 pm
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