स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनी नोएडा की हाईराइज सोसाइटियां, अब तक कोरोना के 332 केस मिले
कोरोना के चलते इलाहाबाद युनिवर्सिटी के बाद ट्र्रिपल आईटी भी 18 अप्रैल तक बंद, हॉस्टल खाली करने को कहा गया
तोमर ने कहा कि अभी तक गांवों में रहने वाले लोगों के लिए उनके आवास के मालिकाना हक का कोई वैधानिक डॉक्यूमेंट नहीं था इसलिए मोदी सरकार ने पिछले वर्ष राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल) पर इस योजना का अनावरण किया था। अब इस योजना की शुरुआत होने से ग्रामीणों के बीच संपत्ति के बंटवारे से जुड़े मुद्दों तथा झगड़ों को आसानी से सुलझाया जा सकेगा। साथ ही वे अपनी प्रोपर्टी को बिना किसी विवाद के बेच और खरीद सकेंगे। यहीं नहीं ग्रामीणों अपनी अचल संपत्ति के आधार पर बैंक से लोन भी ले सकेंगे।गत वर्ष यह योजना देश के नौ राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में शुरु की गई थी। प्रोपर्टी के त्रुटिरहित सर्वे के लिए देश के लगभग 40,514 गांवों में ड्रोन द्वारा सर्वे किया जा चुका है और अन्य जगहों पर अभी सर्वे किया जा रहा है। योजना के तहत अब तक 2481 गांवों में लगभग 3,00,000 परिवारों को उनकी संपत्ति के दस्तावेज सौंपे जा चुके हैं।