
चमकी बुखार से बिहार में हाहाकार, अब तक 60 से ज्यादा बच्चों की मौत
नई दिल्ली। बिहार में एक बार फिर चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) का कहर जारी है। इस खतरनाक बीमारी से अब तक 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं, 23 नए बच्चे मुजफ्फरपुर के SKMCH और केजरीवाल अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। जबकि, कई बच्चे पहले से ही अस्पताल में भर्ती हैं।
इधर, शुक्रवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया। मंगल पांडेय ने एसकेएमसीएच के डॉक्टर्स से मुलाकात की और हालात का जायजा लिया।
मौत का सिलसिला जारी
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को भी मुजफ्फरपुर में आठ, समस्तीपुर और मोतिहारी में एक-एक बच्चे की चमकी बुखार से मौत हो गई। हालांकि, हालांकि पिछले 24 घंटे के भीतर 30 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एक मीडिया हाउस के अनुसार, पिछले 10 दिनों में चमकी बुखार से 65 बच्चों की मौत हो गई, जबकि विभिन्न अस्पतालों में 160 मरीज भर्ती किए गए हैं।
कम उम्र के बच्चे हो रहे इस बीमारी का शिकार
डॉक्टर्स के मुताबिक, 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे चमकी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच है। इस बीमारी के शिकार आमतौर पर गरीब परिवार के बच्चे हो रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है।
एसकेएमसीएच ( SKMCH ) मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक सुनील शाही ने बुधवार को बताया कि 2 जून से लेकर 12 जून तक एक्यूट इंसेफेलाइटिस से पीड़ित 86 बच्चों को एडमिट किया गया। इसमें 31 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई की हालत बेहद गंभीर हैं। उन्होंने बताया था कि जनवरी से लेकर 2 जून तक 13 मामले सामने आए थे, जिसमें 3 की मौत हो गई थी।
वहीं, बिहार के प्रधान सचिव संजय कुमार का कहना था कि 80 फीसदी मौतों में हाइपोग्लाइसीमिया का शक है। इस बीच राज्य सरकार ने राज्य के 12 जिलों में 222 प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स को अलर्ट कर दिया है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतें।
बुधवार और गुरुवार को सात सदस्यीय केंद्रीय जांच टीम मुजफ्फरपुर के दौरे पर थी। यह टीम भी दो दिनों तक जांच करने के बाद लौट चुकी है। अब सबकी नजरें इस टीम की रिपोर्ट पर लगी हुई हैं कि कौन से कारण हैं जो इन इलाकों में ही यह बीमारी हो रही है और इसका निदान क्या है।
गौरतलब है कि गंभीरता को देखते हुए ही बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन बिहार आने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों से उनका ये दौरा रद्द हो गया। बताया जा रहा है कि केंद्रीय टीम की रिपोर्ट आने के बाद मंत्रियों के बिहार दौरे का कार्यक्रम फिर से तय हो सकता है।
हर साल इस मौसम में मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से कई बच्चों की मौत हो जाती है। पिछले साल गर्मी कम रहने के कारण इस बीमारी का प्रभाव कम देखा गया था।
चमकी बुखार के लक्षण
- लगातार तेज बुखार चढ़े रहना
- लगातार उल्टी और दस्त
- कमजोरी की वजह से बेहोशी
- अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना
- बदन में लगातार ऐंठन होना
- दांत पर दांत दबाए रहना
Updated on:
14 Jun 2019 06:07 pm
Published on:
14 Jun 2019 10:12 am
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