
निपाह वायरस को लेकर 5 राज्यों में अलर्ट, हिमाचल में 20 चमगादड़ों के शव से हड़कंप
नई दिल्ली। जानलेवा निपाह वायरस की वजह से केरल में अबतक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई संदिग्ध पीड़ितों का इलाज जारी है। केरल सरकार के अलर्ट के बाद देश के 5 अन्य राज्यों ने भी इस लाइलाज बीमारी को लेकर सतर्कता जारी की है। जिसमें जम्मू-कश्मीर, गोवा, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना शामिल हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश के एक गांव में निपाह जैसे ही संक्रमण की खबर भी आ रही है।
स्कूल में मरे मिले 20 चमगादड़
हिमाचल प्रदेश के नाहन गांव के एक सरकारी स्कूल परिसर में चमगादड़ों का शव मिला है। एक साथ करीब 20 चमगादड़ों के शव मिलने से पूरे राज्य हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंच कर पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है। चमगादड़ों की मौत आखिर हुई कैसे, इसकी जांच के लिए शव के सेंपल लिए गए हैं। जिला कलेक्टर ने भी मौके का जायजा किया और जिस पेड़ के पास से चमगादड़ों के शव मिले हैं उससे दूर रहने की सलाह दी है।
5 राज्यों में अलर्ट जारी
एक साथ स्कूल में इतने चमगादड़ों की मौत को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। पूरे राज्य में निपाह को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। । अभिभावकों से भी बीमार बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की सलाह दी गई है। स्कूल के आसपास के लोग बताते हैं कि पेड़ पर कई वर्षों से चमगादड़ रहते हैं। वहीं दूसरी ओर वन विभाग के डीसी ने कहा कि क्षेत्र में किसी तरह का वायरस नहीं फैला है। चमगादड़ों की मौत किसी भी संक्रमण की वजह से नहीं है। हालांकि मौत की असली वजह का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।
कैसे करें खुद का बचाव
- निपाह से पीड़ित व्यक्ति से पास न जाएं।
- इस वायरस से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव और कपड़ों से दूर रहें।
- इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए खजूर और उसके पेड़ से निकलने वाले फल और रस का उपयोग न करें।
- गिरे हुए फल नहीं खाने चाहिए।
- बीमार सुअर, घोड़े और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
- जानवरों के संपर्क में आने से पहले खुद को सुरक्षित कर लें।
- तेज बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए, घरेलू उपचार में समय बर्बाद न करें।
20 साल पहले हुआ था पहला हमला
दुनिया में पहली बार निपाह वायरस का हमला 1998 में हुआ था। 20 साल पहले मेलिशाय के कांपुंगा सुंगई निपाह में ये मामला सामने आया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ये बीमारी सुअरों से जरिए फैली थी।
Published on:
24 May 2018 09:25 am
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