
निर्भया का दोषी विनय कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली।निर्भया गैंगरेप मामले ( Nirbhaya Case ) में एक बार फिर नया मोड़ सामने आ गया है। निर्भया के चार दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने फांसी की सजा के खिलाफ एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
2012 दिल्ली निर्भया गैंगरेप केस के दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में क्यूरेटिव पिटिशन ( Curative Pitition ) दायर की है। दरअसल, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ( Patiala House Court ) ने निर्भया केस के सभी गुनहगारों के खिलाफ डेथ वारंट ( Death Warrant ) जारी किया है और फांसी की सजा की तारीख मुकर्रर कर दी है।
विनय अलग सेल में बंद
निर्भया के चारों दोषियों में से तीन दोषी अक्षय, पवन और मुकेश जेल नंबर दो में बंद हैं, जबकि विनय शर्मा जेल नंबर तीन में बंद है।
रोजाना इन दोषियों को सेल की तलाशी ली जाती है। तिहाड़ जेल से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को जब अदालत ने चारों को डेथ वारंट जारी किया, तो चारों दोषी परेशान हो गए।
यह है क्यूरेटिव पिटिशन
आपको बता दें कि आखिर पवन ने जो पिटिशन दाखिल की है वो है क्या। क्यूरेटिव पिटिशन (क्यूरेटिव याचिका) तब दायर किया जाता है जब किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है।
ऐसे में क्यूरेटिव पिटिशन ही उस दोषी के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए पहले से तय की गई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है।
ये है आखिरी रास्ता
खास बात है कि क्यूरेटिव पिटिशन किसी भी मामले में अभियोग की अंतिम कड़ी होता है। क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई होने के बाद दोषी के लिए कानून के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।
फांसी की तारीख आगे बढ़ सकती है
अगर विनय की पिटिशन पर तत्कार सुनवाई नहीं होती है तो मुमकिन है कि 22 जनवरी को इन दोषियों की फांसी की सजा को आगे टाला जा सकता है।
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट याचिक के समर्थन में फैसला देता है तब भी ये तारीख आगे टल सकती है।
Published on:
09 Jan 2020 12:14 pm
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