गुरुवार को वकील की ओर से लगाई गई एक याचिका में कहा गया है कि जिस वक्त विनय की अर्जी खारिज करने की सिफारिश की गई थी, उस वक्त दिल्ली में आचार संहिता लागू थी।
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निर्भया गैंगरेप के दोषियों ने कानूनी विकल्पों की बजाय चला सबसे बड़ा दांव, तिहाड़ भी हैरान वकील ने रखी ये दलीलनिर्भया के दोषियों को वकील एपी सिंह ने अपनी याचिका में जो दलीलें रखी हैं उसके मुताबिक ‘दया याचिका खारिज करने की जो सिफारिश दिल्ली सरकार ने की थी, उस समय मनीष सिसोदिया विधायक नहीं थे, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू थी।
इसके अलावा 8 फरवरी को दिल्ली में इलेक्शन थे। ऐसे में दिल्ली सरकार के गृहमंत्री अपने पद का उपयोग नहीं कर सकते थे। जल्दबाजी में वॉट्सएप से दस्तखत
सिंह ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार की ओर से याचिका खारिज करने की सिफारिश जल्दबाजी में की गई थी। इस दौरान सिफारिश करने के लिए जो चिट्ठी पर दस्तखत वॉट्सएप के स्क्रीनशॉट से लगाए गए थे।
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डोनाल्ड ट्रंप को छोड़कर मेलानिया भारत दौरे पर करने जा रही हैं बड़ा काम आपको बता दें कि दिल्ली सरकार में गृहमंत्री मनीष सिसोदिया थे और उन्हीं के दस्तखत से विनय की दया याचिका खारिज करने संबंधी सिफारिश, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भेजी गई थी।