
कोलकाता के जल्लाद नाटा मलिक फांसी के फंदे से बनाता था लॉकेट
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले ( Nirbhaya Case ) में चारों गुनहगारों को फांसी देने की तारीख तय हो चुकी है। 22 जनवरी को तिहाड़ जेल ( Tihar Jail ) के तीन नंबर सेल में चारों दोषियों को फांसी के तख्ते पर लटका दिया जाएगा। जल्लाद पवन ( Pawan Jallad ) को भी 20 तारीख से तिहाड़ जेल में ही रहना होगा।
दो दिन तक जल्लाद पवन की मेडकिल जांचें भी की जाएंगी। ताकि फांसी के वक्त उसे किसी तरह की परेशानी ना हो या उसके बीमार होने से फांसी में कोई दिक्कत ना आए।
वहीं जल्लाद पवन ने कहा है कि उसे बेसब्री से 22 जनवरी का इंतजार है जब वो निर्भया के दोषियों को फांसी पर झूलाए। आपको बता दें कि देश का एक जल्लाद ऐसा भी था जो फांसी देने के बाद इस्तेमाल की गई रस्सी से लॉकेट बनाता था और उसे ठीक-ठाक कीमत पर बेच देता था।
फांसी के फंदे से लॉकेट बनाने वाला ये जल्लाद कोलकाता का नामी जल्लाद नाटा मलिक था। फांसी देने के बाद प्रयोग में लाए गए फंदे को अपने साथ घर ले आता था। फिर उनसे लॉकेट बनाकर बेचता था।
घर बाहर लगती थी लाइन
नाटा मलिक के फांसी के फंदे से बनाए लॉकेट को खरीदने के लिए उसके घर के सामने लाइन लगती थी। हालांकि अब नाटा की मौत हो चुकी है, लेकिन उसके फंदों के बने लॉकेट काफी मशहूर हैं।
नाटा मलिक ने अंत में जिस शख्स को फांसी दी थी, उसका नाम धनंजय चटर्जी था, जिसमें हेतल पारिख नाम की एक लड़की को रेप के बाद मार डाला था। तब वो एक अपार्टमेंट में गार्ड था।
छह मीटर लंबी रस्सी
जेल मैन्युअल के मुताबिक धनंजय को फांसी देने के बाद मलिक उसके फांसी के फंदे को घर लाया। ये रस्सी छह मीटर लंबी होती है। उसने इसे छोटा-छोटा काटकर इससे खासी कमाई की।
Updated on:
14 Jan 2020 05:34 pm
Published on:
14 Jan 2020 05:10 pm
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