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Nitish Ka Suraj : भागलपुर मेडिकल कॉलेज में बिजली गुल-वेंटिलेटर बंद, ICU में महिला की तड़पकर मौत

Jawaharlal Nehru Medical College पूरा सिस्टम ही विकलांगता का शिकार है। Power fail होने पर जेरनेटर और इनर्वटर में किसी से वेंटिलेटर को इलेक्ट्रिक सपोर्ट नहीं मिला। आईसीयू से Doctor, nurse and electrician गायब मिले।

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Medical College

Power fail होने पर जेरनेटर और इनर्वटर में किसी से वेंटिलेटर को इलेक्ट्रिक सपोर्ट नहीं मिला।

नई दिल्ली। बिहार में सुशासन का मतलब नीतीश का सुराज ( Nitish Ka Suraj ) है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) का दूसरा नाम सुराज की वजह से सुशासन बाबू पड़ा। उसी सुराज में घोर लापरवाही का मामला सामने आया और भागलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के गायनी आईसीयू में भर्ती एक महिला ने शुक्रवार रात तड़पकर दम तोड़ दिया।

आश्चर्य और अफसोस की बात यह है कि बात यह है कि अस्पताल में बिजली गुल ( Power fail ) होने के बाद वेंटिलेटर ( Ventilator ) ने काम करना बंद कर दिया। ऑक्सीजन ( Oxyzen ) के अभाव में महिला की मौत हो गई। जबकि आईसीयू ( ICU ) में भर्ती होने के बाद महिला की हालात में सुधार हुआ था।

राम भरोसे मेडिकल कॉलेज

दरअसल, महिला की सांसें वेंटिलेटर के सहारे चल रही थीं। अचानक बिजली गुल हो गई। जेनरेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। हद तो तब हो गई जब वेंटिलेटर में लगी बैट्री ने भी ऐन वक्त पर धोखा दे दिया। यानि मेडिकल कॉलेज ( Medical College ) राम भरोसे है। जहां पर मरीजों की जान की सुरक्षा के लिए लगे सभी उपकरण इमरजेंसी में काम नहीं करते। यही वजह है कि बिजली गुल होने के बाद आईसीयू में भर्ती महिला को ऑक्सीज मिलना बंद हो गया।

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शुक्रवार सुबह भर्ती हुई थी महिला

बता दें कि बूढ़ानाथ निवासी चंद्रशेखर प्रसाद की 55 वर्षीय पत्नी निर्मला देवी को शुक्रवार सुबह नौ बजे मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी ( Emergency ) में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने गंभीर बीमारी को देखते हुए तत्काल गायनी आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। आईसीयू में तैनात निश्चेतक यानि एनेस्थिस्स्टि ने मरीज को सी-पैप वेंटिलेटर पर डाल दिया। इसके बाद मरीज की सेहत में सुधार होने लगा।

रात करीब 8:55 बजे अचानक गायनी आईसीयू की बिजली गुल हो गई। बिजली कटते ही दो से तीन मिनट के बाद वेंटिलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। परिजन मरीज को दूसरे बेड पर लगे वेंटिलेटर तक ले गए। इसमें थोड़ा समय लगा। जब तक वेंटिलेटर काम करना शुरू करता तब तक रात करीब 9:05 बजे मरीज की मौत हो गई।

जांच में पता चला कि वेंटिलेटर की बैट्री भी खराब थी। नहीं तो जनरेटर से बिजली आपूर्ति नहीं होने के बावजूद मरीज को वेंटिलेटर का सहारा मिला होता।

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आईसीयू से डॉक्टर और नर्स मिले गायब

जब बिजली कटी तो उस वक्त बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी ( Outsourcing agency ) का सुरक्षा गार्ड ( Security Guard ) गायब था। परिजनों के ढूंढने पर भी वह नहीं मिला। यहां तक कि आईसीयू में भर्ती मरीजों की निगरानी की जिम्मेदारी आईसीयू में तैनात नर्स की थी, लेकिन 10 मिनट तक बिजली कटी रही। ऑक्सीजन के अभाव में महिला मरीज तड़पती रही। इस दौरान आईसीयू में तैनात एक भी नर्स नहीं थी। आईसीयू में 24 घंटे चिकित्सक की तैनाती का दावा अस्पताल प्रशासन द्वारा किया जाता है, लेकिन इस दौरान डॉक्टर भी गायब थे।

जांच शुरू

इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रभारी अधीक्षक डॉ. गौरव कुमार ( Superintendent of Medical College, Dr. Gaurav Kumar ) का कहना है कि वेंटिलेटर को अगर बिजली आपूर्ति नहीं थी, फिर भी वेंटिलेटर में लगी बैटरी के बूते चलना चाहिए था। पहली नजर में बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी, गार्ड, आईसीयू में तैनात नर्स व डॉक्टर की लापरवाही लग रही है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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