
जंतर-मंतर पर फिर हो सकेगा धरना, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पूरी तर प्रतिबंध नामुमकिन
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की ऐहासिक और दुनिया की मशूहर पर्यटन स्थल पर जंतर मंतर पर पूरी तरह से धरने पर लगा रोक हटा दिया गया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में कहा है कि संसद मार्ग की परिधि में जंतर मंतर और राजपथ पर बोट क्लब जैसे स्थानों पर धरने और विरोध प्रदर्शनों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग सकता। पिछले साल एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन स्थानों पर धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक लगा दिया था।
बैगर अनुमति अभी भी नहीं दे सकेंगे धरना
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए. के. सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने विरोध और सुरक्षा संबंधी महत्व के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस को इन दोनों स्थानों पर विरोध को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करना होगा। जल्द ही दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश देते हुए पीठ ने इसका भी उल्लेख किया कि विरोध प्रदर्शन या प्रदर्शन आयोजित करने के लिए पुलिस अनुमति की आवश्यकता होती है।
कई संगठनों ने लगाई थी याचिका
एनजीओ 'मजदूर किसान शक्ति संगठन' और भूतपूर्व भारतीय सैनिकों के आंदोलन और अन्य ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर एनजीटी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें एनजीटी ने इन स्थानों पर धरना प्रदर्शनों पर रोक लगा दी थी।
एनजीटी ने लगाया था प्रतिबंध
5 अक्टूबर,2017 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि वो तुरंत जंतर-मंतर पर हो प्रदर्शनों को बंद करवाए। इसके पीछे ध्वनि प्रदूषण का हवाला दिया गया है। मामले में एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आरएस राठौड़ ने दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल को आदेश दिया था कि तत्काल जंतर-मंतर से अस्थायी ढांचे, लाउड स्पीकर आदि को हटाया जाए। वहीं एनजीसी ने दिल्ली पुलिस को भी आदेश दिया कि वे तुरंत जंतर-मंतर पर चल रहे धरना-प्रदर्शन, आंदोलन, जनसभा आदि को बंद करवाएं और इन लोगों को रामलीला मैदान के पास ले जाएं लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनजीटी कोर्ट के पुराने आदेश फिलहाल रोक लग गई है।
Published on:
23 Jul 2018 04:06 pm
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