
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बुद्ध जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि कहा कि भारत में धर्मों के बीच कोई भेद भाव नहीं है और भारत ने कभी किसी देश या विचारधारा पर कोई हमला नहीं किया है।
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित एक समारोह में उपस्थित व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘‘भारत का किसी देश या उसकी विचारधारा पर हमला करने का कोई इतिहास नहीं रहा है। हमने धर्मों के बीच किसी तरह का विभेद करने का कभी कोई प्रयास नहीं किया।’’ पीएम ने कहा कि गुलामी के चलते भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की कोशिश नहीं की गई है। यहां तक की बाद की सरकारों ने भी इस दिशा में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया लेकिन अब सरकार इस दिशा में उचित प्रयास किया है।
बौद्ध सर्किट के लिए पैसों की कोई कमी नहीं
बौद्ध स्थलों को बढ़ावा देने के सवाल पर पीएम ने कहा कि, ‘‘बौद्ध सर्किट के लिए सरकार 360 करोड़ रुपए से ज्यादा स्वीकृत कर चुकी है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश , आंध्र प्रदेश और गुजरात में बौद्ध स्थलों का और विकास किया जा रहा है। हमारी सरकार कोशिश करेगी कि इस काम को जल्द से जल्द निपटाया जा सके।" बुद्ध के महापरिनिवार्ण के 2500 वर्ष बाद भी भगवान बुद्ध की शिक्षाएं जीवंत रहने पर पीएम ने खुशी जाहिर की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब आने वाला मानव इतिहास आपकी सक्रिय भूमिका का इंतजार कर रहा है। मैं चाहता हूं कि आज जब आप यहां से जाएं, तो मन में इस विचार के साथ जाएं कि 2022 में, जब हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मना रहा होगा, तब तक ऐसे कौन से 5 या 10 संकल्प होंगे, जिन्हें आप पूरा करना चाहेंगे।’’
बुद्ध की शिक्षाओं को बचाने लिए सरकार कर रही काम
पीएम ने बताया कि सरकार भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा के लिए एक बड़े विजन पर भी काम कर रही है। उन्होंने कह कि विश्व को हिंसा और अन्य गहरे संकटों से निकालने के लिए बुद्ध के संदेश के महत्व को पूरी दुनिया में फैलाने की जरुरत है। अगर विश्व को बचाने के लिए, बुद्ध का करुणा, प्रेम का संदेश काम आता है तो बुद्ध को मानने वाली सभी शक्तियां को सक्रिय होना चाहिए।
Published on:
01 May 2018 09:01 am
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