
No Sleeper Coach in trains with max 130 KMPH speed, Indian Railways to upgrade it with only special AC
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) अपने हाई स्पीड नेटवर्क को अपग्रेड करने के लिए 130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति या इससे ज्यादा स्पीड वाली सभी ट्रेनों में स्लीपर कोच हटाने जा रहा है। रेलवे इन हाई स्पीड ट्रेनों में विशेष वातानुकूलित कोच लगाने की एक योजना पर काम कर रहा है। रेलवे मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक इन चुनी गई ट्रेनों में स्लीपर कोच नहीं होंगे। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला केवल हाई स्पीड ट्रेनों को प्रभावित करेगा। जबकि स्लीपर कोच के साथ प्लाई करना जारी रखेगा। जबकि सभी मौजूदा मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें जिनकी अधिकतम स्पीड 110 किमी प्रति घंटे है, उनमें स्लीपर कोच मौजूद रहेंगे।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "जहां भी ट्रेन की स्पीड 130 किमी प्रति घंटे से अधिक होगी, उनमें एसी कोच लगाना एक तकनीकी जरूरत बन जाता है। भारतीय रेलवे, रेलवे नेटवर्क को हाई स्पीड क्षमता में अपग्रेड करने के लिए एक बड़े पैमाने पर योजना पर काम कर रहा है। स्वर्णिम चतुर्भुज और विकर्ण पर ट्रैक 130 से 160 किमी प्रतिघंटा की स्पीड को पूरा करने के लिए अपग्रेड किए जा रहे हैं।"
मंत्रालय के मुताबिक, "नॉन-एसी स्लीपर कोच को एसी कोचों द्वारा केवल ऐसी ट्रेनों में बदला जाएगा जो अधिकतम 130/160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही होंगी। कुछ रेलवे कॉरिडोर की स्पीड क्षमता पहले ही 130 किमी प्रतिघंटे पर अपग्रेड हो चुकी है। हवा और मौसम जैसे कारण यह मांग करते हैं कि केवल कुछ प्रकार के कोच हाई स्पीड पर चलते हैं।"
वर्तमान में अधिकांश मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की अधिकतम गति 110 किमी प्रतिघंटा है। स्वर्णिम चतुर्भुज और विकर्ण के महत्वपूर्ण हिस्सों पर राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों को 120 किमी प्रति घंटे की गति से संचालित करने की अनुमति है। ऐसी ट्रेनों के लिए कोच 130 किलोमीटर प्रतिघंटे या उससे अधिक की रफ्तार से चलने लायक हैं।"
अधिकारियों ने कहा कि ये नए एसी कोच हमसफ़र ट्रेनों में एसी-3 चेयर कार कोचों के समान "किफायती कोच" होंगे, जिनका किराया तर्कसंगत है। रेलवे के प्रवक्ता ने कहा, "यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संशोधित एसी कोचों के टिकटों की कीमत यात्रियों के लिए बहुत सस्ती हो, लेकिन इससे आराम और उपयुक्तता कई गुना बढ़ जाती है और यात्रा समय में पर्याप्त कमी आती है।"
कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री में रेलवे की उत्पादन इकाई में नए एसी कोच का एक प्रोटोटाइप बनाया जा रहा है और कुछ हफ्तों में यह तैयार हो जाना चाहिए। एक स्लीपर कोच के 72 बर्थ की तुलना में इस नए एसी कोच में 83 बर्थ होंगी, लेकिन एक कूपे में बर्थ की संख्या समान रहेगी क्योंकि साइड-अपर और साइड-लोअर बर्थ के बीच कोई मध्य बर्थ नहीं होगी। कोचों को विद्युत इकाइयों को स्थानांतरित करके और कंबल और बिस्तर के चादर के लिए आरक्षित स्थान को हटाकर फिर से डिजाइन किया जा रहा है, क्योंकि रेलवे कोरोना वायरस के कारण उन्हें देना करना बंद कर देगा।
प्रवक्ता ने कहा, "वर्तमान में एक 83-बर्थ कोच डिज़ाइन किया जा रहा है। रेलवे ने इस साल ऐसे 100 और अगले साल 200 कोचों की योजना बनाई है। इन कोचों का परीक्षण और मूल्यांकन किया जाएगा।"
Updated on:
11 Oct 2020 07:15 pm
Published on:
11 Oct 2020 06:58 pm
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