
Noida में Pregnant woman की मौत पर चढ़ा सियासी पारा, मामले की जांच को कमेटी गठित
नोएडा/दिल्ली। Delhi-NCR के मॉडर्न कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश ( UP ) के शहर गौतमबुद्ध नगर ( Gautam Budh Nagar ) की एक घटना ने प्रदेश सरकार के खोखले दावों की पोल खोल दी है साथ ही प्रशासन की लापरवाही और अस्पतालों की असंवेदनशीलता की कि दिल दहला देने वाली एक तस्वीर सामने ला दी है। उत्तर प्रदेश के नोएडा ( Noida ) में एक गर्भवती महिला और उसका पूरा परिवार दस घंटे से ज़्यादा समय तक एम्बुलेंस में इलाज के लिए अस्पताल दर अस्पताल भटकता रहा कुछ अस्पतालों ने परिवार से पैतालीस सौ रुपया फ़ीस के नाम पर भी वसूल लिए लेकिन आखिरकार खोखले सरकारी दावों की भेंट चढ़ गई एक महिला और उसके पेट में पल रही एक मासूम ज़िंदगी।
महिला आठ महीने की गर्भवती थी उसे सुबह सांस लेने में तकलीफ हुई जिसके बाद उसका परिवार पहले नोएडा के ई एस आयी सी अस्पताल लेकर आया जहां से उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया लेकिन गर्भवती महिला और उसके परिवार के साथ सरकारों और प्रशासनिक ग़ैर ज़िम्मेदारियों की क्रूरता का सिलसिला जारी रहा। नोएडा के प्रसिद्ध फोर्टिस अस्पताल जेम्स गाजियाबाद के मैक्स नोएडा के ही JP अस्पताल का चक्कर लगाते लगाते महिला की देर शाम एम्बुलेंस में ही मौत हो गई। नोएडा प्रशासन ने फ़िलहाल महिला की मौत को लेकर एक जांच कमेटी बना दी है और अपने ज़िम्मेदारियों से मुक्ति पा ली है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना को उत्तर प्रदेश सरकार के लिए चेतावनी’ बताया साथ ही सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए है। वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के मरीजों के लिए एक लाख बेड तैयार होने के दावों को झूठा क़रार दिया है। यादव ने गर्भवती महिला की मौत पर दुख जताया और उत्तर प्रदेश सरकार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के लिए 1 लाख बेड के इंतजाम का दावा करने वाली यूपी सरकार आनेवाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं करती।
अखिलेश यादव ने सरकार से पूछा है कि भाजपा सरकार ये भी बताए कि उसने अब तक कितने अस्पताल बनाए हैं।
Updated on:
07 Jun 2020 10:06 pm
Published on:
07 Jun 2020 09:46 pm
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