इस दौरान समिति ने स्पष्ट शब्दों में दो टूक कहा कि देश में लागू नए नियमों का पालना करना ही होगा। साथ ही कंपनियां डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी के नियमों का सख्ती से पालन करें। बता दें कि 25 मई से देश में लागू हुए IT नियमों पर सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों की बीच तनातनी के बाद यह बैठक बुलाई गई थी।
संसदीय समिति ने FB इंडिया से 200 मिनट में पूछे 100 सवाल, जवाब देने के लिए मिले 7 दिन
संसद की स्थायी समिति के समक्ष फेसबुक की ओर से शिवनाथ ठुकराल और नम्रता सिंह जबकि गूगल इंडिया की ओर से अमन जैन और गीतांजलि दुग्गल पेश हुईं। जानकारी के मुताबिक, फेसबुक ने समिति से कहा कि नए IT नियमों के तहत हमने 15 मई से 15 जून के बीच कितना कंटेंट हटाया है, इस पर अंतिम रिपोर्ट 15 जुलाई को देंगे। इससे पहले 2 जुलाई को एक अंतरिम रिपोर्ट समिति को सौंप दी जाएगी।
बता दें कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर नेतृत्व वाली स्टैंडिंग कमेटी ने फेसबुक और गूगल को अपने प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में समन भेजा था। स्टैंडिंग कमेटी इन प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल की शिकायतों पर अधिकारियों से उनका नजरिया जानना चाहती है।
6 जुलाई को होगी अगली बैठक
बैठक के दौरान संसद की स्थायी समिति ने महिला सुरक्षा पर विशेष बल दिया। समिति ने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और डिजिटल स्पेस में महिला सुरक्षा पर सतर्कता बरतते हुए जांच के लिए सोशल मीडिया मध्यस्थों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का फैसला किया था।
भारत में Facebook के चीफ ने कहा, उनकी वेबसाइट में नहीं किया जाता किसी के साथ भेदभाव
अब इस संबंध में अगली बैठक 6 जुलाई को होगी। बता दें कि इससे पहले संसद की स्थायी समिति ने 18 जून को ट्विटर के प्रतिनिधि को बुलाया था और फेक न्यूज रोकने पर प्रेजेंटेशन देने को कहा था।
समिति ने 48 घंटे में ट्विटर से मांगा जवाब
सूत्रों के मुताबिक, संसदीय समिति ने दो दिन पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सांसद शशि थरूर के अकाउंट सस्पेंड किए जाने के संबंध में ट्विटर से 2 दिन (48 घंटे) के अंदर जवाब देने के लिए कहा है। सूचना और प्रौद्योगिकी के लिए संसदीय स्थायी समिति (आईटी) ने दो दिनों के भीतर ट्विटर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने के कारण का जवाब मांगा है।
शशि थरूर की अध्यक्षता वाले संसदीय स्थायी समिति ने ट्विटर से लिखित में जवाब देने को कहा है। इस संबंध में समिति ने सचिवालय को पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, “ट्विटर को 48 घंटे के भीतर समिति को लिखित जवाब देना होगा कि ट्विटर ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रदेश और कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट क्यों और किस नियम के तहत ब्लॉक किए हैं।” निर्देश के अनुसार, सचिवालय की ओर से आज (मंगलवार) ट्विटर को पत्र भेजा गया है। यदि समिति को ट्विटर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो समिति ट्विटर अधिकारी को तलब कर सकती है।