
Patrika Positive News: Delhi government constitutes panel, hospitals will get Amphotericin-B injection on time
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश के कुछ राज्यों के अस्पतालों में जरूरी दवाईयां व इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में चारों तरफ हाहाकार मचा है और लोग दवाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
पत्रिका डॉट कॉम अपने पाठकों तक सरकार के ऐसे बड़े फैसलों को पत्रिका पॉजिटिव न्यूज ( Patrika Positive News ) के जरिए पहुंचा रहा है, ताकि पाठकों की पहुंच से ऐसे खबरें दूर न रह जाए और वे सरकार के इस तरह के सकारात्मक फैसलों के जरिए होने वाले लाभों से वंचित रह जाएं।
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दरअसल, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सभी अस्पतालों में समय पर जरूरी एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B Injection) को उपलब्ध कराने के लिए एक पैनल गठित किया है। चार सदस्यीय पैनल दिल्ली के सभी अस्पतालों और जरूरतमंद मरीजों को समय पर एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन उपलब्ध कराने को लेकर काम करेंगे।
दिल्ली सरकार ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के अंधाधुंध उपयोग को रोकने और अस्पताल में भर्ती जरूरतमंद COVID-19 मरीजों को यह दवा उपलब्ध कराने को लेकर चार सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञ समिति (TEC) का गठन किया है। बता दें कि इस इंजेक्शन का इस्तेमाल ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस के उपचार में किया जाता है। कोविड संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस से पीड़ित कई मरीज सामने आने के बाद से चारों ओर इस इंजेक्शन को लेकर मारामारी मची है और वर्तमान में इसकी आपूर्ति भी कम है।
ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच ब्लैग फंगस के कई मरीज सामने आए हैं, जिसके बाद से एक नए खतरे को लेकर चिंताएं बढ़ गई है। राजधानी दिल्ली के अस्पतालों ने दूसरी लहर के दौरान COVID-19 से उबरने वाले लोगों में बैक फंगस के मामलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की है। इस तरह के बढ़ते मामलों के लिए डॉक्टर से परामर्श के बिना घर पर स्टेरॉयड के "तर्कहीन" उपयोग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
बता दें कि केजरीवाल सरकार द्वारा गठित चार सदस्यों की पैनल (विशेषज्ञ समिति) की अध्यक्षता पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. एम के डागा करेंगे। इसके अलावा इस पैनल में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डॉ. मनीषा अग्रवाल, डॉ एस अनुराधा और डॉ रवि मेहर शामिल होंगे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गए एक आदेश के मुताबिक, मरीजों के इलाज के लिए एम्फोटेरिसिन-बी की आवश्यकता वाले सभी कोविड अस्पतालों को विशेषज्ञ समिति को आवेदन करना होगा, जो इन आवेदनों की जांच करने और तेजी से निर्णय लेने की सुविधा के लिए दिन में दो बार बैठक करेगी।
आदेश में आगे कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय को TEC के साथ समन्वय करना चाहिए और तेजी से निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। साथ ही मंजूरी से लेकर संबंधित अस्पताल तक दवा के समग्र प्रबंधन की निगरानी भी करनी चाहिए। दैनिक बैठकों में जो भी निर्णय लिए जाएंगे उसे सभी आवेदन करने वालों या हितधारकों को ई-मेल के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। यदि किसी को इंजेक्शन या अन्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने को लेकर इनकार किया जाता है, तो इसका कारण भी बताया जाएगा और अपेक्षित अस्पतालों को सूचित किया जाएगा।
Updated on:
19 May 2021 04:44 pm
Published on:
19 May 2021 04:28 pm
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