मीडिया में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को 2017 से अब तक उन्हें कई मौकों पर चार्टर्ड विमान उपलब्ध करवाए हैं। इसके चलते सरकारी खजाने पर 15-20 गुना ज्यादा खर्च को बोझ पड़ा। अब ये तो आप जानते ही होंगे कि किसी भी सरकारी बोझ को आम जनता पर टैक्स यानी कर के रूप में वसूला जाता है। अगर गोयल सामान्य प्लेन से यात्रा करते तो इस गैरजरूरी खर्च से बचा जा सकता था। पीयूष गोयल नियमित रूप से एयर इंडिया के स्थान पर चार्टर्ड विमानों में यात्रा कर रहे हैं, या फिर एक ही यात्रा के कई-कई टिकट बुक करवाते हैं।
अमित शाहः हर हाल में स्वदेश लाए जाएंगे नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ये है नियम– एक मंत्री अपने अधिकारिक दौरे के लिए चार्टर्ड प्लेन का इस्तेमाल नहीं कर सकता
– जब तक यह दौरा किसी रेलवे दुर्घटना स्थल का ना हो यात्रा नहीं हो सकती
– सभी मंत्री हवाई सफर के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट्स का इस्तेमाल करेंगे
– किसी एमरजेंसी की स्थिति में प्राइवेट एयरलाइंस के विमान की भी सेवाएं ली जा सकती हैं
ऐसे हो रही पैसों की बर्बादी
– केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और उनके दो जूनियर मंत्रियों के लिए ज्यादातर एयर इंडिया के बजाए निजी एयरलाइंस की ही सेवाएं लेता है
– रेलवे मंत्रालय एक यात्रा के लिए कई बार 2-3 टिकट भी ले लेता है, ताकि रेल मंत्री की फ्लाइट मिस ना हो सके
रेलवे मंत्री की शाही खर्ची पर एक नजर
– 9 से 11फरवरी, 2018 को रेलमंत्री की दिल्ली से बेलगाम की 3 दिवसीय यात्रा पर करीब 13 लाख रुपए का खर्च
– 2 अप्रैल को शनि शिंगनापुर-शिरडी-तुलापुर की यात्रा पर करीब 25.50 लाख रुपए का खर्च
मानसून से तबाहीः 7 राज्यों में अब तक 718 मौत, अगले 72 घंटे नहीं रुकेगी भारी बारिश की रफ्तार रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक रेल मंत्री का पद संभालने के बाद पीयूष गोयल ने रेलवे के अधिकारियों से मांग की थी कि उनकी दिल्ली से सूरत और बाद में मुंबई की यात्रा के लिए एक चार्टर्ड प्लेन बुक करवाया जाए। इस पर एडिशनल जनरल मैनेजर, उत्तर रेलवे मंजू गुप्ता ने रेलवे बोर्ड को एक पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जतायी थी। हालांकि बाद में रेलवे बोर्ड ने चार्टर्ड प्लेन बुक करने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को सौंप दी थी। गोयल की अंतिम तीन यात्राओँ के लिए चार्टर्ड प्लेन की बुकिंग आईआसीटीसी की ओर से ही की गई है।