
Corona Crisis के बीच Indian Railway का बड़ा कदम, 100 Trains हो सकती हैं बंद, कई की Timing में बदलाव
नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट ( Coronavirus Crisis in India ) के बीच भारतीय रेलवे ( Indian Railway ) ट्रेनों की समय सारणी ( Train Timings ) में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। रेलवे ने इसके लिए ज़ीरो बेस्ड' टाइम टेबल तैयार करने का फैसला किया है। हालांकि रेलवे की ओर से किया जाने वाले यह बदलावा देश में उपजे कोरोना वायरस ( Coronavirus outbreak ) के हालातों के शांत होने के बाद ही लागू हो सकेगा। इसके साथ रेलवे यात्रियों ( Railway passengers ) की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्पेशल ट्रेनें ( Special trains ) ही चलाएगा। माना जा रहा है कि रेलवे की ओर से टाइम टेबल में किया जाने वाला यह सुधार जुलाई 2020 से जून 2021 तक लागू होगा।
रेलवे टाइम टेबल में कई बड़े बदलाव
सूत्रों के अनुसा रेलवे ट्रेनों के टाइम टेबल में कई बड़े बदलाव करने जा रहा है, जिसका असर अगले कई सात तक देखने को मिलेगा। दरअसल, लंबे समय से राजनेताओं की मांग पर पहले की अपेक्षा ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ा दिए गए हैं। इसके साथ ही कुछ बिना मांग वाली गाड़ियां भी चलाई जा रही हैं, जिसकी लगभग 50 प्रतिशत सीटें खाली रहती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि रेलवे बिना मांग वाली ट्रेनों को बंद करने का फैसला ले सकता है। हालांकि इन ट्रनों में यात्रा करने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक तौर पर ट्रेनें चलाईं जाएंगी। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि रेलवे में देशभर में ऐसी 100 से ज्यादा ट्रेनें बंद कर सकता है। इसके साथ ही जिन यात्री ट्रेनों में किसी हॉल्ट स्टेशन पर अगर 50 यात्रियों का उतरना—चढ़ना न हो, ऐसे स्टॉपेज को भी बंद किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार इन बिना मांग वाली ट्रेनों के बंद हो जाने से अन्य कई ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी। रेलवे की प्लानिंग तो यहां तक है कि कुछ मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को सुपरफास्ट ट्रेन का दर्जा भी दिया जाए। आपको बता दें सुपरफास्ट ट्रेनें औसतन 55 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक की गति से चलती हैं। वही, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति स्थापित की गई है और इस क्षेत्र में भारत का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जल आपूर्ति परियोजना की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मणिपुर में सड़क अवरोध एक इतिहास बन गया है, असम में दशकों पुरानी हिंसा समाप्त हो गई है। मिजोरम और त्रिपुरा में युवा हिंसा का रास्ता छोड़ चुके हैं और मिजोरम से जुड़े ब्रू-रिंज शरणार्थी अब बेहतर जीवन की ओर ओर बढ़ रहे हैं।"
Updated on:
23 Jul 2020 09:18 pm
Published on:
23 Jul 2020 05:38 pm
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