
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
नई दिल्ली। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) देशभर को आत्मनिर्भर भारत अभियान ( Atma Nirbhar Bharat ) के तहत आगे बढ़ने की अपील कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( RSS ) के प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) का स्वदेशी को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। आरएसएस चीफ ने कहा है कि स्वदेशी का मतलब हर विदेशी सामान का बहिष्कार नहीं है। भागवत के इस बयान ने पीएम मोदी के मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत अभियान और स्वदेशी ( Swadeshi ) अपनाओ जैसी कोशिशों को बड़ा झटका दिया है।
भागवत ने कहा है कि केवल उन्हीं प्रौद्योगिकियों या सामग्रियों का आयात किया जा सकता है, जिनका देश में पारंपरिक रूप से अभाव है या जो स्थानीय रूप से उपलब्ध नहीं हैं। यानी हर विदेशी वस्तु को बैन करना ठीक नहीं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत स्वदेशी पर अपने ताजा बयान से एक नई बहस को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा है कि स्वदेशी का मतलब हर विदेशी सामान का बहिष्कार नहीं है।
अपनी शर्तों पर लेना है विदेशी वस्तु या सेवाएं
आरएसएस चीफ ने कहा कि हमें विदेशों में जो कुछ है, उसका बहिष्कार नहीं करना है, लेकिन अपनी शर्तो पर लेना है। भागवत ने प्रो. राजेन्द्र गुप्ता की दो पुस्तकों का लोकार्पण के दौरान ये बात कही थी।
भागवत के बयान पर बीजेपी की सफाई
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर बीजेपी ने भी सफाई दी है। बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के स्वदेशी वाले बयान पर कहा कि भागवत और पीएम मोदी के बयान का मतलब ये नहीं है कि हम अपने वैश्विक संबंधों या व्यापारिक रिश्तों को खत्म कर लेंगे। उन्होंने कहा कि 1907 में हमारी स्वदेशी की जो अवधारणा थी वही अब नहीं है।
स्थिति में इस देश को अधिकतम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना है. लेकिन स्वदेशी अवधारणा का अर्थ यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि भारत वैश्विक दुनिया से कट जाएगा।
सिन्हा का ये बयान एक तरफ भागवत का समर्थन कर रहा तो दूसरी तरफ पीएम मोदी की नीति में आने वाले समय में बदलाव की शुरुआत की ओर भी इशारा कर रहा है।
सिन्हा ने साफ कहा कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत का ये मतलब नहीं है कि वैश्विक बाजार से पूरी तरह कट जाएं।
Published on:
13 Aug 2020 02:45 pm
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