मीडिया के सामने स्वास्थ्य मंत्रालय का खुलासा, पूरे देश को कोरोना वैक्सीन देने की बात कभी नहीं की इससे पहले 11 अगस्त को रूस दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन दर्ज करने वाला पहला देश बन गया था। स्पुतनिक-V को रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए गेमाले नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया था।
स्पुतनिक-V वैक्सीन एक अच्छी तरह से अध्ययन किए गए मानव एडेनोवायरल वेक्टर प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित है, जो पिछले दो दशकों के दौरान विश्व स्तर पर 250 से अधिक क्लीनिकल ट्रायल्स में बिना किसी दीर्घकालिक दुष्प्रभाव के सुरक्षित और प्रभावी साबित हुई थी (जबकि टीका विकास में मानव एडेनोवायरस के इस्तेमाल का इतिहास 1953 में शुरू हुआ था)। मानव एडेनोवायरल वेक्टर के आधार पर 1,00,000 से अधिक लोगों को स्वीकृत और पंजीकृत दवाएं मिली हैं।
रूस ने बुधवार को कहा कि उसका टीका स्पुतनिक-V पहले अंतरिम विश्लेषण के अनुसार कोविड-19 से लोगों की रक्षा करने में 92 प्रतिशत प्रभावी है। आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा, “स्पुतनिक-V वैक्सीन की प्रभावकारिता 92 प्रतिशत थी (टीकाकरण किए गए व्यक्तियों और प्लेसीबो प्राप्त करने वालों के बीच पुष्टि किए गए 20 कोविड-19 मामलों के आधार पर की गई गणना)।”
देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर सामने आ गई बड़ी सूचना, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने खुद दी जानकारी भारतीय केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने अक्टूबर में स्पुतनिक को बताया कि कोविड-19 के खिलाफ स्पुतनिक-V वैक्सीन का परीक्षण भारत में 100 स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। डीसीजीआई ने परीक्षण करने के लिए डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को दवा की अनुमति दी है।
वहीं, इससे पहले सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार अगले साल जुलाई-अगस्त तक लगभग 25-30 करोड़ लोगों को कोरोना वायरस के टीके उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “अगले साल के पहले 3-4 महीनों में ऐसी संभावना है कि हम देश के लोगों को वैक्सीन प्रदान करने में सक्षम होंगे। जुलाई-अगस्त तक, हमारे पास लगभग 25-30 करोड़ लोगों को टीके उपलब्ध कराने की योजना है। हम तदनुसार तैयारी कर रहे हैं।”