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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त ऑक्सीजन ऑडिट पैनल ने ऑक्सीजन प्रबंधन के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ की है। ऑक्सीजन ऑडिट पैनल ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पूरा देश ऑक्सीजन संकट से जूझ रहा था। इस मुश्किल समय में ऑक्सीजन प्रबंधन के संबंध में केंद्र सरकार ने जो कदम उठाए है वह बहुत ही सराहना है।
संकट के समय ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाकर की मदद
12 सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत सरकार ने देश में महामारी की पहली लहर आई थी तब पिछले साल मार्च-अप्रैल 2020 में कई कदम उठाए थे। पैनल ने आगे कहा कि पिछले साल महामारी की पहली लहर के दौरान उठाए गए कदमों की मदद से ही देश में दूसरी लहर आने पर ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सिस्टम को तुरंत बनाने में काफी मदद मिली है।
दूसरी लहर में हुई थी ऑक्सीजन की मांग में भारी वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2021 में दूसरी लहर आने पर ऑक्सीजन की मांग में भारी वृद्धि हुई। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 के तीसरे हफ्ते तक ऑक्सीजन की मांग औसतन 5500 मीट्रिक टन (एमटी) तक पहुंच गई और अप्रैल 2021 के चौथे हफ्ते में दैनिक औसत खपत बढ़कर 7100 एमटी हो गई।
अस्पतालों में सिलेंडर के जरिए बढ़ा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन
पैनल की रिपोर्ट बताया गया है कि कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान भारत सरकार ने लिक्विड ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ अस्पतालों में और सिलेंडर के जरिए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की स्टोरेज कैपसिटी बढ़ाने के लिए कदम उठाए थे। इससे इलाज के दौरान मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं होना पड़ा।
निजी क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरर्स बढ़ाने में मिली मदद
देश मे पहली लहर के दौरान उठाए गए कदमों की मदद से निजी क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरर्स बढ़ाने के लिए सिस्टम को जल्दी से स्थापित करने में मदद की। इसके साथ ही इस्पात संयंत्रों में उपलब्ध ऑक्सीजन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने में काफी मदद मिली। इन सभी प्रयासों के कारण देश को दूसरी लहर से जल्दी उभरने में काफी मदद की है। इस दौरान दूसरे कई अन्य देशों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
Published on:
25 Jun 2021 03:35 pm
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