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दिल्ली दंगे: सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट एक्टिविस्ट की जमानत का आदेश रखा बरकरार, अगले माह होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का कानूनी पहलुओं से आकलन करने को लेकर सहमति जताई है।

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SC refused to stay the HC judgment on Delhi riots

SC refused to stay the HC judgment on Delhi riots

नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के मामले में तीन स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस स्तर पर तीनों की रिहाई में दखल नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का कानूनी पहलुओं से आकलन करने को लेकर सहमति जताई है और कहा है कि इस मामले की सुनवाई अगले माह होगी।

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पुलिस ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट का निष्कर्ष ‘दस्तावेज के प्रतिकूल और विपरीत’ है और ऐसा लगता है कि यह ‘सोशल मीडिया के कथानक’ पर निर्भर करता है। पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हाईकोर्ट के तीन जजों की बेंच के मंगलवार को दिए गए फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करा। दिल्‍ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी, इसमें कई पुलिस वाले थे और 700 लोग घायल हुए थे। पुलिस के अनुसार कोर्ट ने कहा कि दंगे नियंत्रित हो गए इसलिए UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) लागू नहीं होता। क्या इस तरह के गंभीर अपराध को कम समझा जा सकता है? आदेश पर रोक लगाई जाए।

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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को मिसाल के तौर पर उपयोग नहीं किया जा सकता। हम तीनों की बेल रद्द नहीं कर रहे, तीनों आरोपी जेल से बाहर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा UAPA को लेकर दिए गए फैसले की जांच को तैयार हैं। तीनों आरोपियों को नोटिस दिया गया कि मामले की सुनवाई 19 जुलाई को होगी।