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Communist leader Shyamal Chakraborty का निधन, West Bengal में दौड़ी शोक की लहर

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता श्यामल चक्रवर्ती की भी कोरोना से मौत श्यामल चक्रवर्ती को 29 जुलाई को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था

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Communist leader Shyamal Chakraborty का निधन, West Bengal में दौड़ी शोक की लहर

Communist leader Shyamal Chakraborty का निधन, West Bengal में दौड़ी शोक की लहर

नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार को मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता श्यामल चक्रवर्ती की भी कोरोना से मौत हो गई। श्यामल चक्रवर्ती कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके चलते उनको 29 जुलाई को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनको सांस लेने में तकलीफ की वजह से उनको जीवन रक्षण प्रणाली पर रखा गया था। रविवार की रात को चक्रवर्ती की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उनको उलटाडांगा के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहां भी कोई आराम न मिलने पर उनको ईएम बाइपास के पास दूसरे हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया।

Communist leader Shyamal Chakraborty का निधन, West Bengal में दौड़ी शोक की लहर

हॉस्पिटल सूत्रों के अनुसार श्यामल चक्रवर्ती को भर्ती कराने के अगले दिन उनकी तबीयत में थोड़ा सुधार देखने को मिला था। हालांकि बाद में फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई। इलाज के दौरान उनकी हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला और गुरुवार को 1.45 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन पर टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल सरकार में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने गहरी संवेदना व्यक्त की। चटर्जी ने कहा कि श्यामल दा के निधन की खबर ने उनको अंदर से हिला दिया है। वह जनता के नेता थे। श्यामल आजीवन कामगार वर्ग का प्रतिनिधित्व करते रहे। ईमानदार राजनेता रहे श्यामल की एक अलग विचारधारा थी। हालांकि इससे उनके पर्सनल संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

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वहीं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ अब्दुल मन्नान ने कहा ने भी श्यामल के निधन पर दुख जताया है। मन्नान ने कहा कि उनके जाने से पश्चिम बंगाल की राजनीति को गहरा झटका लगा है। श्यामल एक दमदार नेता होने के साथ ही प्रभावशाली वक्ता भी थे। उनसे मेरा परिचय छात्र राजनीति के समय से ही था। उस समय श्यामल एसएफआई के राज्य सचिव हुआ करते थे।


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