
नई दिल्ली। बीजेपी के बागी सांसद शत्रुध्न सिन्हा के तेवर पीएम मोदी के खिलाफ लगातार तीखे होते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में उन्होंने 2 बार पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि पीएम मोदी देश के 130 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री हैं, उन्हें यह शोभा नहीं देता कि वो मुख्य विपक्षी राजनीतिक पार्टी को कुछ ऐसा-वैसा नाम दें। शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे लिखा है कि पीएम मोदी ऐसा कर रहे थे मानो वे केजी के बच्चों को ककहरा पढ़ा रहे हों। उनके अनुसार पूरा देश बच्चों का स्कूल है, जिसे वे पीपीपी का मतलब पंजाब, पुडुचेरी और परिवार समझाकर गंदी राजनीति का नमूना पेश कर रहे हैं।
मोदी की बातों में डर
शॉटगन ने लिखा है कि आपकी बातों में भय दिखाई देता है, उसी भय ने आपकी सोच को गिरा दिया है। बीजेपी नेता ने चुनावी कला सिखाते हुए लिखा कि, चुनाव इस कला से नहीं जीते जाते बल्कि लोगों का दिल जीतकर चुनाव जीते जा सकते हैं। बीजेपी सांसद ने एक के बाद एक, कुल सात ट्वीट किए। उन्होंने बाकी ट्वीट में लिखा, 'प्रधानमंत्री महोदय देश के करोड़ों लोग आपसे इस तरह के भाषण की जगह परिपक्व और विकास को परिभाषित करने वाला भाषण चाहते हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो इसका मतलब यह है कि आप पीएम जैसे ऊंचे ओहदे पर बैठने वाला सिर्फ एक अधिकृत व्यक्ति हैं।' उन्होंने लिखा, 'अगर देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष अगर प्रधानमंत्री बनने की संभावना देखता है तो इसमें हर्ज क्या है? अगर वह शख्स आगामी लोकसभा चुनाव जीतता है तो वह पीएम बन सकता है।' उन्होंने लिखा कि वो लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और लोग भी उन्हें चाहने लगे हैं।
हर किसी को सपना देखने का अधिकार
सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस देश में हर किसी को सपना देखने का अधिकार है, और सपने तभी सच होते हैं जब कोई सपना देखता है। उन्होंने लिखा, 'जैसा मैंने पहले ही कहा है कि प्रधानमंत्री बनने के लिए कोई योग्यता या विशेष बुद्धिमता की आवश्यकता नहीं होती है। हमारे लोकतंत्र में कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है, चाहे वो नामदार हो, कामदार हो या फिर दमदार हो या औसत समझदार हो। अगर उसके पास संख्या बल है और लोगों का समर्थन है तो हम क्यों इस तरह के करुण क्रंदन में लिप्त हैं?'
कुछ सालों में मैच्योर हुए हैं राहुल गांधी
बीजेपी सांसद ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना लिखा कि, 'पुरानी पार्टी के अध्यक्ष पिछले कुछ सालों में परिपक्व हुए हैं और बहुत ही गंभीर मुद्दों को वे उठाते रहे हैं, लेकिन हम लोग उनके सवालों का जवाब देने से कतराते हैं, यहां तक कि उस पर ध्यान तक देने से भी कतराते हैं। नीरव मोदी, ललित मोदी , विजय माल्या , बैंक घोटाला, राफेल डील एवं अन्य मुद्दों पर जवाब देने के बजाय हम लोग मुद्दों से ध्यान भटकाने की राजनीति कर रहे हैं।' उन्होंने आखिर में लिखा कि, 'क्या ऐसा करके हम विकास की राजनीति से दूर नहीं हो गए हैं?'
Published on:
12 May 2018 07:45 pm
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