यह शवदाह गृह द्वारका के सेक्टर-29 में बनाने का प्रस्ताव है। कहा जा रहा है कि इस विद्युत शव दाह गृह में एक दिन में 30 कुत्तों का संस्कार होगा। दक्षिणी दिल्ली निगम के निदेशक (पशुपालन) डॉ. आरबीएस त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस शव दाह गृह के बनने से बदबू और प्रदूषण की समस्या भी दूर होगी। अगर किसी पालतू कुत्ते का मालिक धार्मिक रीति रिवाज के साथ उसके शव का दाह संस्कार करवाना चाहता है तो इसके लिए भी इंतजाम किए जाएंगे।
पालतू कुत्तों के अंतिम संस्कार करवाने के लिए उनके मालिकों को जेब भी ढीली करनी पड़ेगी। अंतिम संस्कार के लिए निगम उनके मालिकों से शुल्क लेगा। हालांकि लावारिस कुत्तों की मौत पर उनका निशुल्क अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि पशुओं की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए इंतजाम न होने की कारण से कई दिनों तक उनके शव पड़े रहते थे, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बदबू और संक्रमण फैलता है।