जांच एक ही एजेंसी से कराने की मांग खारिज इससे पहले 19 जून को हुई सुनवाई में देशद्रोह के आरोपी जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी के छात्र शरजील इमाम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त सुनवाई के बाद शरजील के खिलाफ दर्ज कई मामलों की जांच एक ही एजेंसी से कराने की मांग को खारिज कर दिया थां। शीर्ष अदालत ने कहा था कि हमारे सामने ये प्रार्थना नहीं है। हम इस तरह के अंतरिम आदेश को पारित नहीं कर सकते।
कई राज्य सरकारों को बनया गया है पक्षकार ?साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल और मणिपुर राज्यों को भी नोटिस जारी कर जवाब इस बारे में जवबा मांगा था। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कि जवाब तैयार है और इसे हम 27 अगस्त को दाखिकर देंगे। उन्होंने कहा था कि इस मामले में कई राज्यों FIR दर्ज है, उनको भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए।
रूठों को मनाने की कोशिश : राहुल और सोनिया गांधी ने असंतुष्ट गुट के नेता Ghulam Nabi Azad से की थी बात भड़काऊ भाषण देने का आरोप आपको बता दें कि जेएनयू के छात्र शजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का आरोप है। JNU छात्र शरजील ने अपनी याचिका में भड़काऊ भाषण देने के केस में अपने खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल, मणिपुर में दर्ज पांच FIR की एक साथ दिल्ली में जांच की मांग की थी।
अपनी याचिका में कहा गया है कि उन्होंने जामिया और अलीगढ़ में दो भाषण दिए। उन्हें खुद अपलोड नहीं किया। उन्हें अर्नब गोस्वामी की तरह राहत मिले। गौरतलब है कि शरजील के खिलाफ CAA के विरोध में देश विरोधी भाषण देने के आरोप में कई राज्यों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।