
सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई आज, याचिका में जताई भ्रष्टाचार की आशंका
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टल गई है। अब अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। याचिका में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त की गई है। वहीं, सरकार का कहना है कि इस व्यवस्था से राजनीतिक चंदे की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। सरकार ने इसके माध्यम से काले धन पर रोक लगाने की भी बात कही है। चुनाव आयोग ने कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर चुनावी बॉन्ड और कॉरपोरेट फंडिंग की सीमा हटाने से राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता के प्रभावित होने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में बताया गया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह से सियासी दलों की फंडिंग की पारदर्शिता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि चुनाव आयोग ने कोर्ट में दाखिल किए अपने हलफनामे में 2017 में कानून मंत्रालय को भेजी अपनी राय पर ही अडिग रहने का निर्णय लिया है। याचिका में चंदा देने वाले की पहचान न होने और नॉन-प्रॉफिट कंपनियों को भी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की इजाजत पर आशंका व्यक्त की गई है।
आपको बता दें कि सरकार यह बॉन्ड इसलिए लेकर आई थी कि इससे राजनीतिक पार्टियों को होने वाली फंडिंग में पारदर्शिता आएगी। इससे राजनीति में साफ-सुथरा धन आएगा। लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अनुकूल परिणाम देखने को नहीं मिला है।
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Updated on:
05 Apr 2019 12:46 pm
Published on:
05 Apr 2019 09:44 am
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