
Supreme Court ordered centre govt to give delhi full oxygen quota, said submit plan by 10:30 am tomorrow
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहे देश के कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा है। अब देश की राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है।
दिल्ली हाईकोर्ट में लागातार इस मामले पर सुनवाई चल रही थी, लेकिन बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और आज ही इस मामले में सुनवाई की अपील की। सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि दिल्ली की जरुरत के अनुसार ऑक्सजीन उपलब्ध कराया जाए। साथ ही ये भी कहा कि कल (गुरुवार) सुबह 10:30 बजे तक पूरा प्लान बताएं।
सुनवाई के दौरान केद्र सरकार ने कोर्ट को बताया है कि दिल्ली की मांग अधिक है, उसके मुताबिक संसाधन की जरुरत है। इसपर जस्टिस शाह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये राष्ट्रीय आपदा है। ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हुई है। केंद्र अपनी ओर से कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी ऑक्सीजन की कमी है, ऐसे में आप कल (गुरुवार) सुबह 10:30 बजे तक पूरा प्लान बताइए।
कोर्ट ने कहा- दिल्ली को मिले 700 MT ऑक्सीजन
सुनवाई के दौरान केंद्र सराकर ने कोर्ट के बताया कि दिल्ली 500 MT ऑक्सीजन से काम चला सकता है, इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि हमने 700 MT मुहैया कराने का आदेश दिया है, हम उससे पीछे नहीं हट सकते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि केंद्र दिल्ली को 700 MT ऑक्सीजन मुहैया कराए, उससे कम हमें मंजूर नहीं है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए कमेटी बना सकते हैं, जिसमें प्राइवेट डॉक्टर और एक्सपर्ट शामिल हो। कोर्ट ने कहा कि आप इस कमिटि के लिए नाम सुझा सकते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जज के अलावा नागरिक भी हैं, लोगों की मदद की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हम असहाय महसूस कर रहे हैं, जब हम ऐसा महसूस कर रहे हैं तो लोगों का क्या हाल होगा।
केंद्र सरकार को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के अंदर गलत तथ्य रखने को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि दोषी व नाकाम अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करें। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार से पूछा कि आपने दिल्ली को कितना ऑक्सीजन दिया है, साथ ही हाईकोर्ट में ये कैसे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को 700 MT ऑक्सीजन सप्लाई का आदेश नहीं दिया? इसपर केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि अप्रैल से पहले ऑक्सीजन की मांग ज्यादा नहीं थी, लेकिन अब अचानक बढ़ गई है।
कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ये जिम्मेदारी है कि आदेश का पालन करें, नाकाम अफसरों को जेल में डालें या फिर अवमानना के लिए तैयार रहें.. लेकिन दिल्ली को इससे ऑक्सीजन नहीं मिलेगी, वो काम करने से ही मिलेगी।
हर दिन तीन टाइम उपलब्ध कराया चाहिए डाटा
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हर राज्य, हर जिले की स्थिति अलग-अलग हो सकती है। ऐसे में सभी के लिए एक जैसा फॉर्मूला लगाना सही नहीं हो सकता है। राज्य अलग-अलग वक्त पर पीक कर रहे हैं, ऐसे में आप सिर्फ एक ही तरह से हिसाब नहीं लगा सकते हैं। दिल्ली में इस वक्त हालात बहुत खराब हैं। ऐसे में आपको हमें बताना होगा कि आपने 3, 4, 5 मई को क्या किया? इस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि उन्होंने 3 मई को 433 एमटी, 4 मई को 585 एमटी ऑक्सीजन दिया है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र सरकार को एक वर्चुअल कंट्रोल रूम का उपयोग होना चाहिए और हर दिन सुबह, शाम और दोपहर को डाटा उपलब्ध कराना चाहिए। इससे जानकारी मिलती रहेगी कि किस अस्पताल को कितनी ऑक्सीजन मिल रही है, ये अस्पताल और लोगों सभी को पता होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में हम राज्य सरकारों की तैयारियों का जायजा लेंगे। अब इस मामले में 10 मई को सुनवाई होगी।
Updated on:
05 May 2021 04:29 pm
Published on:
05 May 2021 04:03 pm
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