
Supreme Court
नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में मराठा समुदाय को शिक्षा व रोजगार में दिए गए आरक्षण की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकती है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीश की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी। इस आरक्षण को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने इस बात पर भी सुनवाई की थी कि क्या राज्य अपनी तरफ से किसी वर्ग को पिछड़ा घोषित करते हुए आरक्षण दे सकते हैं या संविधान के 102वें संशोधन के बाद यह अधिकार केंद्र को है।
इन बिंदु पर हो सकती है सुनवाई
बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ आरक्षण विरोधी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर अंतरिम रोक लगा दी। संविधान पीठ के फैसले से तय होगा कि यह रोक हटेगी या बरकरार रहेगी। इस मामले की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच इन बातों पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र में वाकई ऐसी कोई असाधारण स्थिति थी कि आरक्षण की तय सीमा से परे जाकर मराठा वर्ग को अलग से आरक्षण दिया जाए। संविधान का 102वां संशोधन और अनुच्छेद 324ए राज्य विधानसभा के अधिकार का हनन करते हैं? क्या यह संशोधन और अनुच्छेद वैध हैं।
ये है पूरा मामला
महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 में मराठा वर्ग को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इस आरक्षण के पीछे आधार बनाया गया था जस्टिस एन जी गायकवाड़ की अध्यक्षता वाले महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को। इस को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा। हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। ओबीसी जातियों को दिए गए 27 प्रतिशत आरक्षण से अलग दिए गए मराठा आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का उल्लंघन हुआ जिसमें आरक्षण की सीमा अधिकतम 50 प्रतिशत ही रखने को कहा गया था।
कोर्ट ने सभी राज्यों को जारी किया था नोटिस
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता में 5 जजों की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि मामले का सभी राज्यों पर असर पड़ेगा। इसके संबंध में कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया था। अधिकतर राज्यों ने कहा था कि आरक्षण की सीमा कोर्ट की तरफ से तय नहीं होनी चाहिए। वहीं केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र का समर्थन किया था। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का मराठा आरक्षण पर फैसला महाराष्ट्र की सियासत के लिए काफी अहम होगा। मराठा आरक्षण लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति का एक अहम हिस्सा रहा है।
Published on:
05 May 2021 09:36 am
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