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सर्जिकल स्ट्राइक: पीओके में ऐसे दाखिल हुए थे भारतीय जांबाज, 4 घंटे में 38 दुश्मन किए थे ढेर

इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सरहद पार कर आतंकी ठिकानों पर वो कहर बरपाया था, जिसको सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया गया।

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Mohit sharma

Sep 29, 2018

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सर्जिकल स्ट्राइक: पीओके में ऐसे दाखिल हुए थे भारतीय जांबाज, 4 घंटे में 38 दुश्मन किए थे ढेर

नई दिल्ली। भारतीय इतिहास में एक अध्याय 29 सितंबर 2016 की तारीख का भी दर्ज है। इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सरहद पार कर आतंकी ठिकानों पर वो कहर बरपाया था, जिसको सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया गया। वास्तव में यह सर्जिकल स्ट्राइक कश्मीर के उड़ी में हुए उस आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब था, जिसमें भारत के 18 जवानों की मौत हो गई थी। भारतीय जवानों ने अपने साथियों की शहादत के केवल 10 दिनों के भीतर ही पीओके में घुस सुनियोजित तरीके से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।

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सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता पर भारत ने पाकिस्तान को इसकी जानकारी भी दी थी। इस बात की पुष्टि करते हुए डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान को इस हमले की जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा था कि यूं तो भारत इस तरह के अभियान का कोई इरादा नहीं रखता लेकिन पाक सैन्य कार्रवाई का जवाब देने के लिए भारतीय सेना हर समय तैयार है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत एक विशेष खुफिया विभाग की सूचना पर आधारित सर्जिकल स्ट्राइक आॅपरेशन को केवल चार घंटे के भीतर—भीतर अंजाम दिया गया था।

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भारतीय सेना के पैराकमांडो ने यह आॅपरेशन 29 सितंबर की आधी रात 12.30 बजे शुरू किया। इस ऑपरेशन में स्पेशल फोर्सेस के अर्धसैनिक (पैराकमांडो) बलों को भी शामिल किया गया था। नियंतत्रण रेखा (एलओसी) के पास हेलीकॉप्टर से स्पेशल फोर्स के कमांडोज को उतारा गया था। यहां से ये कमांडो पाकिस्तानी सीमा (पीओके) की ओर बढ़े और एलओसी के पास तीन किमी तक पैदल चलने के बाद पीओके में दाखिल हुए। इस ऑपरेशन को नियंत्रण रेखा के पास पाक अधिकृत कश्मीर की ओर भीमबर, हॉटस्प्रिंग, केल एंड लीपा सेक्टर में अंजाम दिया गया था। यह जगह एलओसी से मात्र 500 मीटर-2 किमी की दूरी पर थी। सर्जिकल स्ट्राइक में स्पेशल फोर्सेस ने अपना पराक्रम दिखा सात 7 लांचिंग पैड को नेस्तानाबूद कर दिया।

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भारतीय जांबाजों ने इस दौरान 38 आतंकी और 2 पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाया। सर्जिकल स्ट्राइक के एक बड़ी उपलब्धि यह भी थी कि इसमे किसी भारतीय सैनिक के मारे जाने की खबर नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार आॅपरेशन में हेलीकॉप्टर की महत्वपूर्ण भूमिका थी। सैनिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा रहा था। आखिरकार सर्जिकल स्ट्राइक को तड़के 4.30 बजे सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया।