scriptजानिए कौन हैं Swati Mohan? जिनके बिना NASA का रोवर मंगल पर नहीं उतर पाता | Swati Mohan, the Indian-origin Scientist Who Landed the Mars Rover | Patrika News

जानिए कौन हैं Swati Mohan? जिनके बिना NASA का रोवर मंगल पर नहीं उतर पाता

Published: Feb 19, 2021 05:02:07 pm

Submitted by:

Vivhav Shukla

भारतीय मूल की अमेरिकी इंजीनियर हैं डॉ. स्वाति मोहन
NASA के रोवर की मंगल मिशन प्रोजेक्ट की अगुवाई कर रही थी स्वाति मोहन

Swati Mohan

Swati Mohan

नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का पर्सविरन्स रोवर ने गुरुवार को मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया। रोवर मंगल ग्रह के वायुमंडल में अंदर पहुंचने के बाद एक जोरदार धमका हुआ लेकिन धमाके से बचते हुए पर्सविरन्स सफलतापूर्वक सतह पर उतर गया।

पर्सविरन्स रोवर के इस ऐतिहासिक लैंडिंग के साथ ही भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक स्वाति मोहन का नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया। दरअसल, रोवर के कंट्रोल और रोवर की लैंडिंग सिस्टम की सारी ज़िम्मेदारी डॉ. स्वाति मोहन के पास ही थी। इसके साथ ही वो पूरी दुनिया को रोवर की स्थिति के बारे में अपडेट भी कर रही थी।

मंगल की सतह पर NASA के रोवर की सफल लैंडिंग, सामने आई पहली तस्वीर

file-20210215-19-s5qrjf.jpg
बेटी की पूरी उम्र से ज्यादा वक्त इस रोवर को दिया

जब रोवर मंगल ग्रह पर उतरा तो स्वाति ने कहा, ‘रोवर के उतरने की पुष्टि हो गई है. वो पूरी तरह से सुरक्षित है और मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत खोजने के लिए तैयार है।’
मीडिया से बात करते हुए स्वाति ने कहा कि पर्सीवियरेंस रोवर मेरी ज़िंदगी का एक बड़ा हिस्सा है। मेरी छोटी बेटी की पूरी उम्र से ज्यादा वक्त मैंने इस रोवर को दिया है। उन्होंने कहा, ‘पर्सीवियरेंस को जितना वक्त मैंने दिया है उतने साल में किसी एक स्कूल में नहीं रही।’
958831-swati-mohan.jpg

कौन हैं स्वाति मोहन?

डॉ. स्वाति मोहन भारतीय मूल की अमेरिकी इंजीनियर हैं और नासा के लिए काम करती हैं। बचपन में ही उनका पूरा परिवार भारत से अमेरिका शिफ्ट हो गया था। उनका ज्यादातर बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बीता है। 9 साल की उम्र में स्वाति ने पहली बार ‘स्टार ट्रेक’ देखी थी । इस सीरीज़ से वो काफी प्रभावित भी हुईं थी। वो हमेशा से अंतरिक्ष और यूनिवर्स के रहस्यों को समझना चाहती थी।

मंगल के वायुमंडल में दिखी भाप की परत, मिले कभी जीवन होने के संकेत

एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बचपन में वो साइंटिस्ट नहीं बल्कि बच्चों की डॉक्टर डॉक्टर बनना चाहती थीं। लेकिन उन्हें कुछ बहुत अच्छे टीचर्स मिले. जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग को करियर के तौर पर चुुना। स्वाति ने MIT से एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में MS और PhD की हैं।इसके बाद वो नासा के लिए काम करने लगी। इससे पहले स्वाति ने शनि के लिए कैसिनी और चांद के लिए ग्रेल मिशन पर भी काम किया है।

डॉ. स्वाति मोहन भारतीय मूल की अमेरिकी इंजीनियर हैं और नासा के लिए काम करती हैं। बचपन में ही उनका पूरा परिवार भारत से अमेरिका शिफ्ट हो गया था। उनका ज्यादातर बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बीता है। 9 साल की उम्र में स्वाति ने पहली बार ‘स्टार ट्रेक’ देखी थी । इस सीरीज़ से वो काफी प्रभावित भी हुईं थी। वो हमेशा से अंतरिक्ष और यूनिवर्स के रहस्यों को समझना चाहती थी।


एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बचपन में वो साइंटिस्ट नहीं बल्कि बच्चों की डॉक्टर डॉक्टर बनना चाहती थीं। लेकिन उन्हें कुछ बहुत अच्छे टीचर्स मिले. जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग को करियर के तौर पर चुुना।


स्वाति ने MIT से एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में MS और PhD की हैं।इसके बाद वो नासा के लिए काम करने लगी। इससे पहले स्वाति ने शनि के लिए कैसिनी और चांद के लिए ग्रेल मिशन पर भी काम किया है।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x7zevtl

ट्रेंडिंग वीडियो