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दिल्ली में दंगे के लिए कैसे की ताहिर ने तैयारी, जानिए पड़ोसी की जुबानी

Delhi Violence को लेकर हुआ बड़ा खुलासा Tahir Hussain के पड़ोसी ने खोले अहम राज Dinesh Kumar ने पत्रिका को बताया कैसे और कब की ताहिर ने तैयारी

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tahir hussain

दिल्ली हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन को लेकर पड़ोसी दिनेश कुमार ने खोला बड़ा राज

नई दिल्ली। ये ताहिर हुसैन ( Tahir Hussain ) का मकान है। आम आदमी पार्टी ( Aam Aadmi Party ) का निगम पार्षद है। इन्होंने रविवार दोपहर 1 से डेढ़ बजे के करीब अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। एक आइशर का कैंटर आया था उसमें क्या था क्या नहीं हमें पता नहीं। '

ये हैं कहना है कारोबारी दिनेश कुमार का। जो ताहिर हुसैन के पड़ोसी हैं। ताहिर हुसैन ने पत्रिका को हर वो सच बताया जो उन्होंने दंगों के दौरान अपने पड़ोस में होते हुए देखा।

दिनेश ने बताया कि रविवार दोपहर 1 से 1.30 के बीच ताहिर ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। उनके घर पर आइशर का एक कैंटर आया जिसमें कुछ सामान (दहशत का सामान) था।

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सोमवार को शुरू किया पथराव
इसके बाद उन्होंने ताहिर ने सोमवार को इंतजार किया और करीब दोपहर 1 बजे बाद इन्होंने पथराव करना शुरू कर दिया। पथराव करते हुए लोगों की भीड़ ताहिर हुसैन के घर में घुसी जिसे खुद ताहिर ने ही बुलाया था।
कुछ आदमी इसमें पहले से ही छिपे हुए थे। इसके बाद इन लोगों ने छत से पेट्रोल बम फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद गोलियां बरसाना शुरू कर दीं।

ताहिर के साथ था उसका साथी लियाकत अली
दिनेश की मानें तो दहशत फैलाने के इस काम में ताहिर अकेला नहीं था। उसके साथ एक और शख्स था जिसका नाम है लियाकत अली अंसारी है।

लियाकत पास की ही गली नंबर चार मूंगा नगर का रहना वाला है। ये भी आम आदमी पार्टी से जुड़ा है। ताहिर के साथ ये भी मिला हुआ था।

लियाकत और ताहिर ने यहां योजनाबद्ध तरीके से हिंदुओं की प्रॉपर्टी को खत्म कर दिया ताकि यहां पर अपने ही लोग रह सकें।

दिनेश ने बताया कि पहले इन दोनों के पास कुछ नहीं था। लेकिन देखते ही देखते इन्होंने करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली। ताहिर के कोलकाता, नोएडा यहां तक की दुबई में ऑफिस है। वो आईटीसी के विज्ञापन वाले बोर्ड बनाने का काम करता है।

बर्बाद कर दिया दिनेश का कारोबार
एक तरफ हिंसा ने लोगों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया तो दूसरी तरफ कईयों से रोजी रोटी ही छीन ली। दिनेश के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वो बताते हैं ताहिर ने हमारा पड़ोसी लेकिन कभी सोचा नहीं था कि वो हमारे ही साथ ऐसा करेगा।

ताहिर ने मेरी सेनेटरी की दुकान जिसमें 70 लाख से ज्यादा सामान था सबकुछ खत्म कर दिया। सारा सामान दंगाई लूट कर ले गए।

दिनेश बताते हैं हमारी ताहिर और उसके परिवार से ज्यादा बोलचाल नहीं थी क्योंकि उसके पिता काफी घमंडी थे। हां इतना जरूर है कि एक दूसरे के फंक्शनों में हम शामिल होते थे।

बहरहाल दिनेश ने पत्रिका को वो सब बताया जो उन्होंने ताहिर को उस दौरान करते हुए देखा। ताहिर दिल्ली का गुनहगार है या नहीं ये पुलिसिया जांच में साफ हो जाएगा, लेकिन दिनेश के दुनिया को उजाड़ने में ताहिर कहीं न कहीं दोषी जरूर है।


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